महाकुंभ में घायल लोग व मृतक के परिजन (फोटो सोशल मीडिया)
प्रयागराजः महाकुंभ में भगदड़ के बाद घायलों का इलाज स्वारूपरानी अस्पताल में चल रहा है। हादसे को लेकर योगी सरकार गंभीर है और स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना की पल-पल मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासनिक लापरवाहियां सामने आ रही हैं, घायलों का इलाज तो ठीक चल रहा है। अस्पताल में भर्ती लोग तारीफ भी कर रहे हैं। वहीं मृतकों की बॉडी को उनके घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
बीते रोज बिहार की रहने वाली गायत्री देवी ने बताया कि उनके पति की भगदड़ में मौत हो गई। उनका सारा सामान भगदड़ के दौरान छूट गया। इतना ही नहीं उनके पैसे भी खत्म हो गए। जब वह अपने पति का शव लेने गईं तो उनसे कहीं 200 रुपये तो कहीं 500 रुपये मांगे गए। अपने पति के शव के लिए वह घर से पैसे मंगा रहीं थी। उत्तर प्रदेश सरकार व मेला प्रशासन द्वारा शव पैतृक गांव तक पहुंचाने की भी कोई व्यवस्था नही की गई थी। एंबुलेंस वाले 10 हजार रुपये तक चार्ज कर रहे हैं।
हालांकि घायलों द्वारा कोई शिकायत नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में घायलों को समुचित इलाज दिया जा रहा है। अच्छी चिकित्सा व्यवस्था के साथ ही दवाइयां, टेस्ट और खाना निशुल्क प्रदान किया जा रहा है। घायलों के साथ-साथ उनके तीमारदारों के लिए भी बेहतर व्यवस्था की गई है। घायलों को ठीक होने के बाद घर तक पहुंचाने के लिए भी समुचित व्यवस्था की जा रही है।
सेवा में जुटा स्टाफ
फतेहपुर निवासी 65 वर्षीय सिद्ध नारायण को हादसे में पैर में चोट लगी थी। तेजी से रिकवरी कर रहे हैं। उन्होंने बताया की अस्पताल में उन्हें बेहतर इलाज मिल रहा है, डॉक्टर और पूरा स्टाफ पूरी तत्परता से सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने सभी का धन्यवाद दिया और खासकर योगी सरकार को मरीजों की देखभाल के लिए चिंता करने पर आशीर्वाद दिया। इसी तरह, लखनऊ की 34 वर्षीय गौरी शर्मा ने भी सीएम योगी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने महाकुंभ की बहुत अच्छी व्यवस्था की है। दुर्भाग्य से यह हादसा हो गया, लेकिन इसके बावजूद सीएम योगी के निर्देश पर उन्हें हर संभव मदद तत्काल मिली। डॉक्टर ने दिन रात मेहनत करके मरीज का ध्यान रखा और उन्हें समुचित इलाज दिलाया।
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साजिश से भी इनकार नहीं
अस्पताल में भर्ती मरीज हादसे के लिए साजिश से भी इनकार नहीं करते। लखनऊ निवासी गौरी शर्मा ने कहा कि जिस तरह की व्यवस्था की गई थी, कोई हादसा होना संभव नहीं था। यह जानबूझकर कराया गया। इसमें जरूर किसी न किसी की साजिश है, जो की जांच का विषय है। इसी तरह, रांची की मनोरमा देवी ने भी बताया कि स्नान के वक्त करीब 20 युवक दौड़ते हुए आए और श्रद्धालुओं को धक्का देने लगे इसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
घरों तक छोड़ने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे साधन
एसोसिएट प्रोफेसर सर्जरी डिपार्टमेंट एवं मीडिया प्रभारी मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज डॉ संतोष सिंह ने बताया कि अस्पताल ने कुल 41 घायलों को भर्ती किया गया था जिसमें से 10 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। कुछ घायल मरीज शाम तक और डिस्चार्ज हो जाएंगे। सभी मरीजों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है और सभी का स्वास्थ्य बेहतर है। एक भी मरीज अब क्रिटिकल नहीं है। मरीज के साथ ही उनके अटेंडेंट को भी निशुल्क खाना दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर मरीजों के इलाज में कहीं कोई कोर कसर नहीं रखी गई है। यहां तक की मरीज के डिस्चार्ज होने पर उन्हें उनके घरों तक छोड़ने के लिए एंबुलेंस हुआ अन्य साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।