रावण दहन पर प्रतिबंध (सौ. IANS)
Order Banning Ravana Dahan Goes Viral: दशहरे से ठीक एक दिन पहले नोएडा प्राधिकरण का एक विवादित आदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस कथित आदेश में उद्यान खंड-1 के अंतर्गत आने वाले सभी पार्कों में रावण दहन, दशहरा उत्सव या किसी भी प्रकार की सार्वजनिक गतिविधि पर रोक लगाने की बात कही गई है।
आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई संगठन या व्यक्ति पार्कों में रावण के पुतले का दहन करता है तो इसे एनजीटी (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के जारी होते ही आरडब्ल्यूए और हाउसिंग सोसाइटीज़ के प्रतिनिधियों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने इसे धार्मिक आस्था से जुड़ा मामला बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आदेश की कॉपी को तेजी से वायरल किया और प्राधिकरण से इस पर स्पष्टीकरण मांगा।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह आदेश प्राधिकरण के सह निदेशक (उद्यान) द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए जारी किया गया बताया जा रहा है। प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं थी। मामले ने तूल पकड़ते ही प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी मीडिया के सामने आईं। उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर में जहां भी सोसाइटी या आरडब्ल्यूए रावण दहन के लिए अनुमति मांगते हैं, उन्हें विधिवत परमिशन दी जाती है। संभव है कि सह निदेशक ने बिना उच्च अधिकारियों को बताए स्वयं संज्ञान लेकर आदेश जारी कर दिया हो।
वहीं इस पूरे विवाद पर डिप्टी डायरेक्टर आनंद मोहन ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि प्राधिकरण की ओर से ऐसा कोई प्रतिबंधित आदेश औपचारिक रूप से जारी नहीं किया गया है। नोएडा में रावण दहन और दशहरा उत्सव हमेशा की तरह धूमधाम से मनाया जाएगा।
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वहीं, इस पत्र को लेकर स्थानीय निवासियों और आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने सवाल उठाया है कि जब पार्कों में नियमित रूप से योग शिविर, मैराथन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजनीतिक सभाएं आयोजित होती हैं, तो सिर्फ धार्मिक उत्सवों पर रोक क्यों? फिलहाल प्राधिकरण की ओर से आधिकारिक लिखित स्पष्टीकरण जारी होने का इंतजार है। लेकिन एक बात स्पष्ट है, एक आंतरिक आदेश ने पूरे शहर की दशहरा तैयारियों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)