ईश मोहम्मद की झोपड़ी और उसका लिखा हुआ लेटर (सोर्स- सोशल मीडिया)
देवरिया: यूपी के देवरिया में बरसाती के परिवार में बकरीद की खुशियां मातम में बदल गईं। क्योंकि बरसाती ने खुद की कुर्बानी दे दी। उसने चाकू से अपना गला रेत लिया। घर के बाहर झोपड़ी में करीब एक घंटे तक वह दर्द से तड़पता रहा। परिजनों ने जब उसकी कराह सुनी तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में उसकी मौत हो गई।
अपना गला काटने से पहले उसने एक पत्र लिखा था। जिसमें लिखा था- एक व्यक्ति बकरे को अपने बेटे की तरह पालने के बाद उसकी कुर्बानी देता है। वह भी जीव है। मैं अल्लाह रसूल के नाम पर अपनी कुर्बानी दे रहा हूं।
घटना देवरिया के गौरी बाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव की है। यहां रहने वाले बरसाती (60) पुत्र स्वर्गीय ईस मोहम्मद धार्मिक प्रवृत्ति के थे। परिजनों के मुताबिक वह एक दिन पहले यानी शुक्रवार को अंबेडकर नगर स्थित सुल्तान सैयद मकदूम अशरफ शाह की दरगाह से लौटे थे। झोपड़ी से कराहने की आवाज सुनकर वे वहां पहुंचे तो देखा कि उसके गले से खून बह रहा है।
पत्नी हाजरा खातून के अनुसार बरसाती ने सुबह मस्जिद में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज पढ़ी। सुबह 10 बजे जब वह घर लौटा तो सीधे घर के बगल में बनी झोपड़ी में चला गया। एक घंटे बाद उसके कराहने की आवाज सुनाई दी। वे दौड़कर वहां पहुंचे तो देखा कि उसके गले से खून बह रहा था।
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पत्नी ने बताया कि झोपड़ी में फर्श पर खून ही खून था। पास में चाकू पड़ा था। यह नजारा देख हाजरा चीख पड़ी। उसने मदद के लिए लोगों को बुलाया। पड़ोसी पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने ईश मोहम्मद को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान ईश की मौत हो गई।
बकरे को इंसान अपने बेटे की तरह पाल-पोसकर कुर्बान करता है। वह भी एक जीवित प्राणी है। कुर्बानी तो होनी ही चाहिए, मैं अल्लाह के रसूल के नाम पर खुद की कुर्बानी दे रहा हूं। मुझे किसी ने नहीं मारा है। शव को शांति से दफनाना। किसी से डरना नहीं। कब्र उसी स्थान पर होनी चाहिए जहां पर ‘खूंटा’ है।