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भारत की अर्थव्यवस्था का आधार रहा है गोवंशः सीएम योगी

  • By प्रभाकर दुबे
Updated On: Sep 24, 2022 | 08:20 PM
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लखनऊ: भारत (India) को कृषि प्रधान देश माना जाता रहा है। इसकी अर्थव्यवस्था का आधार गोवंश रहा है। आधुनिक तकनीक (Modern Technology) आने से पहले भारत के खेती-किसानी के पुराने अध्ययन को देखेंगे तो पता चलेगा कि किसान (Farmers) अतीत में धरती से बड़ा उत्पादन लेता रहा है। यूरोप में जब औद्योगिक क्रांति आई और देश गुलामी की तरफ गया तो भारत की परंपरागत खेती-किसानी, आस्था पर प्रहार होने लगा, वहीं से पराभव भी शुरू हुआ। आजादी के बाद हरित क्रांति के जरिए हमने खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया, लेकिन इस खेती में प्रयुक्त होने वाले जहरीले रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के दुष्परिणामों से भी बच नहीं पाए।  यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्य़नाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहीं। 

वे शनिवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य स्तरीय गौ आधारित प्राकृतिक खेती कार्यशाला-2022 को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत की आस्था को बचाने और धरती मां को वास्तविक स्वरूप में रखने का अभियान है। 

सीएम योगी ने की जनता दर्शन की 

सीएम ने अपने जनता दर्शन की चर्चा की। बताया कि इस कार्यक्रम में अक्सर जनता से मिलता हूं। यहां 100 में से 10 प्रार्थना पत्र गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की आर्थिक सहायता से जुड़ी रहती है। मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित को सहायता तो देते हैं, लेकिन मैं बीमारी के कारण को जानना चाहता हूं। इसका कारण खानपान भी है। कुछ ऐसी चीजें जरूर हैं, जो बड़े तबके के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा। जब जवानी का लाभ मानवता, विश्व कल्याण में मिलना चाहिए तो युवा बीमारी से जूझ रहा है। यह चिंता का विषय है।  ऐसी बीमारियों से बचने के दो माध्यम हैं भारतीय नस्ल का गोवंश,  इसे बचाना और गो आधारित खेती के माध्यम से धऱती मां की उर्वरता को बढ़ाकर वास्तविक क्षमता को सुरक्षित व संरक्षित रखने में योगदान देना। 

लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य स्तरीय गौ-आधारित 'प्राकृतिक खेती कार्यशाला-2022' में सम्मिलित होते #UPCM @myogiadityanath https://t.co/9XdqjzcHJh

— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 24, 2022

यह वर्तमान और भविष्य को बचाने का अभियान 

सीएम ने कहा कि यह वर्तमान और भविष्य को बचाने का अभियान है। पीएम ने मिशन मोड पर गौ आधारित प्राकृतिक खेती को लागू किया। यूनियन बजट का हिस्सा बनाया। पीएम ने 2021 में वाराणसी से इस कार्यक्रम को लागू किया। प्रदेश ने भी इस कार्यक्रम से खुद को जोड़ा। प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के 7 जनपदों में 47 विकास खंड और 11,750 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 235 कलस्टर बनाकर गो आधारित प्राकृतिक खेती के लिए बजट के प्रावधान के साथ अनुदान की व्यवस्था प्रारंभ की। 

उत्तर प्रदेश के 27 जनपदों का चयन 

सीएम योगी ने कहा कि मां गंगा की अविरलता और निर्मलता को बचाने के लिए इसके तटवर्ती क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती और गो आधारित नर्सरी को प्रोत्साहित करने, औद्यानिक फसलों को बढ़ाने के लिए कार्य भी हो रहा है। गौ आधारित खेती के लिए उत्तर प्रदेश के 27 जनपदों का चयन किया गया। इस पर प्रदेश सरकार ने 62,200 हेक्टेयर खेती को चिह्नित किया। इसके लिए 1244 कलस्टर विकसित कर रहे हैं।  

एक लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती को बढ़ा चुकी सरकार

नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग के अंतर्गत प्राकृतिक खेती से जोड़ेंगे। इसके साथ 23 जनपद के 39 विकास खंड में 23, 510 हेक्टेयर में 470 कलस्टर बनाकर इसे प्रोत्साहित कर रहे, यानी लगभग एक लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती को सरकार बढ़ा चुकी है। आगे भी सरकार बहुत कुछ करने जा रही है। यहां 4 राज्य कृषि विश्विविद्यालय हैं। प्राकृतिक खेती के सर्टिफिकेशन के लिए लैब की स्थापना को बढ़ाने के निर्देश दिए गए। पहले चरण में इन विश्विद्यालयों के साथ 89 कृषि विज्ञान केंद्रों में सर्टिफिकेशन को बढ़ाकर बेहतर मार्केट उपलब्ध कराना है। हमने तय किया कि प्राकृतिक खेती से अन्न, फल और सब्जी की हर मंडी में बिक्री की विशेष व्यवस्था प्रारंभ की जाए। 

नौजवानों को बीमारी से बचाने की मुहिम में हैं

यह आस्था के साथ धऱती के स्वास्थ्य को संरक्षित करने का विषय है। नौजवानों को बीमारियों से ग्रस्त देखता हूं तो लगता है कि इनकी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ लेने से हम वंचित हो गए। हम उन्हें बचाने की मुहिम में हैं। सीएम ने कहा कि कुरुक्षेत्र में आचार्य के गुरुकुल गया और खेती, पशुपालन को उन्नति नस्ल में बदलने का कार्य देखा। वहां औद्यानिक फसलों को उन्नति रूप से बढ़ाने का अवसर देखने को मिला। 

 पग-पग पर सरकार आपके साथ 

सीएम ने किसानों से कहा कि ज्ञान की परंपरा आदान-प्रदान से चलती है। दो दिवसीय कार्यशाला मास्टर ट्रेनर के रूप में बढ़ाने का मौका है। मार्केट हम देंगे। आपके द्वारा प्राकृतिक प्रोडक्ट के बाजार और अच्छा दाम मिलने की व्यवस्था हम करेंगे। वैसे तो गुंजाइश नहीं है कि कोई नुकसान हो, लेकिन जो किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ रहा है,  यदि फिर भी उसे कोई नुकसान हो रहा है तो सरकार साथ खड़ी है। किसान की आमदनी को पीएम ने दोगुना कर दिया। लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया है। सब्सिडी देकर हम लोगों ने खेती के दायरे को बढ़ाया। सिंचाई की अच्छी सुविधा दी। यूपी में पांच वर्ष में 21 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराई। पहले डीजल में काफी पैसा लगता था। अब गांव-गांव में बिजली जा रही है। पहली बार यूपी में बिजली के दाम खेती-किसानी में आधे किए गए हैं। पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत अगले वर्ष में 30 हजार सोनल पैनल उपलब्ध कराकर किसानों को बिजली की व्यवस्था से मुक्त कर सोलर का उपयोग कराने का प्रयास होगा। इससे मुफ्त में पानी उपलब्ध होगा।  सीएम ने कहा कि यह अभियान है धऱती मां और प्रकृति-पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिक के रूप में हमारे दायित्व को प्रदर्शित करने का। आस्था के सम्मान व धरती मां के कर्तव्यों के निर्वहन का। राज्य सरकार इस अभियान में पग-पग पर आपके साथ है। किसी चुनौती को नहीं आने देगी। 

प्राकृतिक खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच किसान सम्मानित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आजमगढ़ के महेंद्र सिंह, मुरादाबाद के रमेश आर्य, हिमांशु गंगवार फर्रुखाबाद के हिमांशु गंगवार, रायबरेली के सत्यप्रकाश मिश्र और फतेहपुर के रमाकांत त्रिपाठी को अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अंत में अलीगढ़ के संतोष सिंह ने गोबर से बनाई नेमप्लेट मुख्यमंत्री को भेंट की।

Cow has been the basis of india economy cm yogi

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Published On: Sep 24, 2022 | 08:20 PM

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