लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल के यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी में एक शहीद जवान के स्मारक पर बुलडोजर चला दिया गया। जिसके बाद अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए बीजेपी को चेतावनी दे डाली है।
उन्होंने प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि मैनपुरी के वीर लाल मुनीश यादव ने कारगिल में दुशमनों को मिट्टी में मिलाया था। आज प्रशासन ने उनके ही स्मारक को मिट्टी में मिलाने का दुस्साहस किया है। उनके इस कृत्य की वजह से देश के सैनिकों और देशप्रेमियों के बीच आक्रोश का माहौल पनप रहा है।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होंने कहा कि देश के लिए अपने जान को न्योछावर कर देने वाले शहीद जवानों का मोल भाजपाई सरकार कभी नहीं समझ सकती है। इस बात का इतिहास गवाह है। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन में जो लोग स्वतंत्रता सेनानियों का साथ देने की बजाय औपनिवेशिक शासकों के कान-आंख बनकर रहें हैं वो इनके बिलदान की कीमत को कभी नहीं समझ सकते हैं।
भाजपा अब शहीदों के स्मारक पर भी बुलडोज़र चलवा रही है। मैनपुरी में कारगिल के वीर शहीद मुनीश यादव के सन् 2000 में बने प्रतिमा स्मारक को मिट्टी में मिलाने का जो दुस्साहस प्रशासन ने शासन के इशारे पर किया है, उससे देश के सैनिकों और देशप्रेमियों के बीच मूक आक्रोश पनप रहा है। देश के… pic.twitter.com/qsQNPn818z — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 31, 2024
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सपा के मुखिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “भाजपा अब शहीदों के स्मारक पर भी बुलडोज़र चलवा रही है। मैनपुरी में कारगिल के वीर शहीद मुनीश यादव के सन् 2000 में बने प्रतिमा स्मारक को मिट्टी में मिलाने का जो दुस्साहस प्रशासन ने शासन के इशारे पर किया है, उससे देश के सैनिकों और देशप्रेमियों के बीच मूक आक्रोश पनप रहा है।”
उन्होंने आगे लिखा, “देश के मान-सम्मान के लिए जीवन न्योछावर करनेवालों की शहादत का मोल भाजपाई कभी नहीं समझ सकते हैं क्योंकि इतिहास गवाह है कि आज़ादी के आंदोलन में जो लोग स्वतंत्रता सेनानियों का साथ देने की बजाय औपनिवेशिक शासकों के कान-आँख बनकर रहे, वो भला बलिदान की क़ीमत क्या जानें।भाजपा की सियासत शहीदों में भी भेदभाव करने लगी है। ये नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है।”
बीजेपी को चेतावनी देते हुए अखिलेश यादव ने लिखा, “यदि भाजपा में जरा भी शर्म बची है तो मंडल से लेकर जिले स्तर के सभी बड़े अधिकारियों को तत्काल निलंबित करे और प्रतिमा-स्मारक की ससम्मान पुनर्स्थापना करे। नहीं तो हम सब मिलकर ये कार्य करेंगे। घोर, घोर, घोर निंदनीय!”