बरेली का बवाल की सच्चाई सामने आई (फोटो- सोशल मीडिया)
Bareilly riot planned conspiracy revealed: उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद हुए सुनियोजित बवाल के पीछे की परतें अब खुलने लगी हैं। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि मौलाना तौकीर रजा के 77 करीबियों ने इस उपद्रव के लिए भीड़ जुटाई थी। इन साजिशकर्ताओं में नगर निगम के पांच पार्षद भी शामिल हैं, जिनका मकसद शहर का माहौल खराब करना था। अब पुलिस इन सभी पर शिकंजा कसने और बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है, जिससे इस पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सके।
पुलिस ने अपनी जांच में यह स्पष्ट कर दिया है कि यह बवाल अचानक नहीं हुआ, बल्कि इसे पूरी योजना के साथ अंजाम दिया गया था। मौलाना तौकीर के इशारे पर काम कर रहे इन लोगों की भूमिका पर्दे के पीछे से भीड़ को उकसाने की थी। ये लोग सीधे तौर पर बवाल में शामिल नहीं थे, लेकिन अपनी-अपनी गलियों और मोहल्लों से लोगों को, खासकर बच्चों और नाबालिगों को, इस्लामिया ग्राउंड जाने के लिए भड़का रहे थे। इनकी योजना बच्चों को ढाल बनाकर पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाने की थी, लेकिन अधिकारियों की सख्ती ने उनकी इस साजिश को नाकाम कर दिया।
पुलिस द्वारा पहचाने गए 77 उपद्रवियों में पांच पार्षद भी शामिल हैं, जो अपने पद और रसूख का गलत इस्तेमाल कर लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसा रहे थे। इनमें से आईएमसी के पार्षद और महानगर अध्यक्ष अनीस सकलैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस के अनुसार, बाकी चार पार्षद भी जल्द ही हिरासत में लिए जाएंगे। ये सभी लोग लगातार मौलाना तौकीर रजा के संपर्क में थे और इस पूरी साजिश को सफल बनाने के लिए काम कर रहे थे।
यह भी पढ़ें: आधा देश पस्त, आधा देश त्रस्त: दिल्ली-यूपी में गर्मी का कहर, इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि 21 सितंबर को प्रदर्शन की घोषणा होने के बाद से ही ये सभी आरोपी मौलाना तौकीर रजा से जुड़े हुए थे। शुरुआत में इन्होंने मौलाना के साथ बैठकें कीं, लेकिन जैसे ही पुलिस-प्रशासन का दबाव बढ़ा, ये लोग व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क में रहने लगे। पुलिस ने कई आरोपियों के इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (IPDR) की जांच की है, जिससे इस बात की पुष्टि हुई है कि ये सभी लगातार मौलाना से निर्देश ले रहे थे। अब इन सभी को मुकदमे में नामजद कर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।