प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर पर फहराएंगे ध्वजा (सोर्स- सोशल मीडिया)
Ram Mandir Dhwajarohan 2025: अयोध्या में मंगलवार को ऐतिहासिक क्षण देखने को मिलेगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर पर धर्म ध्वजा फहराएंगे। यह आयोजन अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:55 से 12:00 बजे के बीच होगा। केवल पांच मिनट में 190 फीट ऊंचाई पर यह ध्वजा फहराई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक, ध्वजारोहण का शुभ मुहूर्त 11:58 बजे से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित किया गया है। भगवान श्रीराम की विवाह पंचमी के दिन हो रहे इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी उपवास रखेंगे। इससे पहले प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान भी उन्होंने उपवास रखा था। प्रधानमंत्री अयोध्या में तीन घंटे तीस मिनट तक रहेंगे और इस दौरान कई निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो आयोजित होगा, जो साकेत महाविद्यालय हेलीपैड से प्रारंभ होकर राम मंदिर तक लगभग एक किलोमीटर लंबे रामपथ पर निकलेगा। रास्ते भर विभिन्न स्वयं-सहायता समूहों की लगभग पांच हजार महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में थाली और आरती लेकर प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगी।
रामपथ को आठ जोनों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जोन में सैकड़ों महिलाएं फूल-मालाओं और आरती की थालियों संग खड़ी रहेंगी। जोन-8 (खटीक समाज की भूमि) में सबसे अधिक 1500 और जोन-4 (अरुंधती पार्किंग के पास) में 1200 महिलाएं तैनात की जाएंगी। हजारों संत शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण को पवित्र बनाएंगे।
कार्यक्रम की सुरक्षा और स्वास्थ्य इंतजामों को लेकर प्रशासन सतर्क है। अयोध्या धाम में सात स्थानों पर अस्थायी मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। श्रीराम हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मेडिकल स्टाफ की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सभी मार्गों को दीप सज्जा और पुष्प सजावट से संवार दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दोपहर 2 से 3 बजे के बीच अयोध्या धाम पहुंचेंगे।
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इससे पहले लखनऊ में रविवार को आयोजित दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में RSS प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक ही मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि भारत कभी पूरी दुनिया का विश्वगुरु था और वैश्विक समुदाय के लिए एक बड़ा सहारा बना हुआ था। उनके अनुसार, उस समय चक्रवर्ती सम्राट भी हुआ करते थे, लेकिन बाद में हजारों वर्षों तक भारत विभिन्न आक्रमणों का शिकार बना और हमें गुलामी के दौर से गुजरना पड़ा।