इलाहाबाद हाई कोर्ट (सोर्स- सोशल मीडिया)
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर नगर में तैनात एडीजे यानी अपर जिला जज डॉ. अमित वर्मा को लेकर एक बड़ी टिप्पणी की है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि डॉ. वर्मा सही तरीके से फैसला नहीं लिख पा रहे हैं। इसलिए उन्हें तीन महीने की ट्रेनिंग पर भेजा जाएगा। जस्टिस नीरज तिवारी ने मुन्नी देवी बनाम शशिकला पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने पाया कि डॉ. वर्मा आदेश लिखते समय कारण और निष्कर्ष साफ तौर पर नहीं बताते हैं। इससे पहले भी हाई कोर्ट ने उनके एक आदेश को रद्द करते हुए दोबारा आदेश देने को कहा था। लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने फिर वही गलती दोहराई है। इसलिए कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाया है।
हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि डॉ. वर्मा को ट्रेनिंग पर भेजने के लिए चीफ जस्टिस से अनुमति लें। उन्हें लखनऊ स्थित न्यायिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान भेजा जाएगा। साथ ही कोर्ट ने जिला जज कानपुर नगर को आदेश दिया है कि शशिकला पांडेय से जुड़ी पुनरीक्षण याचिका को दूसरे एडीजे को सौंप दें, ताकि मामले की नए सिरे से सुनवाई हो सके।
बता दें कि शशिकला पांडेय ने 2013 में किराया वसूली और बेदखली का एक मामला दायर किया था। पिछले साल 29 फरवरी को इस मामले का फैसला शशिकला पांडेय के पक्ष में आया। फैसले के बाद मुन्नी देवी ने पुनरीक्षण याचिका दायर की। लेकिन, एडीजे डॉ. वर्मा ने 7 नवंबर 2024 को याचिका को खारिज कर दिया। इसी फैसले को मुन्नी देवी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एडीजे के आदेश को खारिज कर दिया और नए सिरे से आदेश देने को कहा। इसी बीच मुन्नी देवी ने पुनरीक्षण याचिका में कुछ नए आधार जोड़ने के लिए आवेदन दायर किया। लेकिन, एडीजे डॉ. वर्मा ने बिना कोई कारण बताए इसे 1 मार्च को खारिज कर दिया। इसके बाद मुन्नी देवी ने इसे फिर से हाईकोर्ट में चुनौती दी।
उत्तर प्रदेश की अन्य सभी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मुन्नी देवी ने कहा कि एडीजे डॉ. अमित वर्मा ने जो गलती पहले के ऑर्डर में की थी, वही गलती उन्होंने नए आदेश में भी दोहराई है। इसलिए इसे भी रद्द किया जाना चाहिए। इस पर हाई कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि अपर जिला जज डॉ. वर्मा फैसला लिखने में ही सक्षम नहीं हैं। इसलिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।