इलाहाबाद हाईकोर्ट का भड़काऊ पोस्ट को लेकर फैसला
प्रयागराज: देश भर में वक्फ कानून को लेकर कई दिनों से हंगामा मचा हुआ है। इस दौरान सोशल मीडिया पर भी कई तरह के पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने सख्त निर्देश दिए हैं कि भड़काऊ पोस्ट करने पर कार्रवाई होगी। इन सबके बीच इलाहााबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा है कि सोशल मीडिया पर किए गए भड़काऊ पोस्ट को लाइक करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, लेकिन इस प्रकार के पोस्ट को शेयर करना जरूर अपराध माना जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति जो सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करता तो उसके स्टेटमेंट को लाइक करने वाले पर किसी भी धारा के अंतर्गत कार्रवाई नहीं की जा सकती है। किसी पोस्ट को लाइक करना अपराध नहीं माना जा सकता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर किसी भी भड़काऊ पोस्ट को यदि कोई लाइक करता है वह अपराध नहीं माना जा सकता है। हां यदि वह उस पोस्ट को शेयर करता है तो जरूर अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी पोस्ट को पसंद करने और उसे दूसरों से साझा करने में अंतर होता है। पोस्ट को शेयर करने पर वह विचार एक से दूसरे जगह जाता है। कोई भी पोस्ट या मैसेज तब ही पब्लिश माना जा सकता है, जब उसे शेयर या फारवर्ड किया जाए। इसके साथ ही आईटी एक्ट के तहत अश्लील तस्वीर या वीडियो का प्रसारण ही अपराध के दायरे में आता है।
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हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने आगरा के इमरान खान के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दी। मंटोला थाना क्षेत्र के इस मामले में इमरान खान पर आरोप है कि उसने चौधरी फरहान उस्मान नाम की आईडी से फेसबुक पर प्रसारित एख भड़काऊ पोस्ट को लाइक किया था। इस पोस्ट में विरोध प्रदर्शन और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के लिए आगरा कलेक्ट्रेट में एकत्र होने की अपील की गई थी। इसपर कोर्ट ने कहा था कि पोस्ट लाइक करना सजा के दायरे में नहीं आता है। भड़काऊ पोस्ट पर आईटी एक्ट की धारा 67 लागू नहीं की जा सकती और न ही इसके लिए किसी सजा का प्रावधान है।