योजना का शुभारंभ करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ, (फाइल फोटो)
Uttar Pradesh Sanskrit Student Scholarship: उत्तर प्रदेश में संस्कृत का अध्ययन कर रहे कक्षा छह से लेकर परास्नातक (पोस्ट ग्रेजुएशन) तक के विद्यार्थियों को नए साल में एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है। यह तोहफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी ‘संस्कृत छात्रवृत्ति योजना’ के तहत दिया जाएगा, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह योजना प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए विद्यार्थियों को 21 दिसंबर तक आवेदन करना होगा। यह समय सीमा आवेदन के साथ-साथ संस्था स्तर पर सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए निर्धारित की गई है। इस वर्ष आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसके कारण इसमें थोड़ी देरी हुई है।
हालांकि, विभागीय अधिकारियों का प्रयास है कि इस प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जाए। आवेदन और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अनुमानित तौर पर लगभग 70 हजार विद्यार्थियों के बैंक खातों में 14 जनवरी से छात्रवृत्ति की धनराशि भेजनी शुरू कर दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि छात्रों को जल्द से जल्द यह आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
उत्तर प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रदेश के 403 सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और 570 माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में कक्षा छह से परास्नातक तक में लगभग सवा लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष 27 अक्तूबर 2024 को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में 69,195 संस्कृत विद्यार्थियों को 586 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित कर इस योजना की औपचारिक शुरुआत की थी।
इस वर्ष भी लगभग इतने ही विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार ने इस योजना के लिए अपने बजट में भी पर्याप्त प्रावधान किया है, जिसके तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने के लिए विद्यार्थियों के लिए कुछ अनिवार्य पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि छात्रवृत्ति केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगी, जिनकी शैक्षणिक सत्र के दौरान उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक रही हो। इसके अलावा, पिछली कक्षा में विद्यार्थी को 50 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करना भी अनिवार्य है।
यह नियम छात्रों को नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित रहने और शैक्षणिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है। एक अन्य महत्वपूर्ण शर्त यह है कि ऐसे विद्यार्थी जो पहले से ही किसी अन्य सरकारी या गैर-सरकारी छात्रवृत्ति योजना का लाभ ले रहे हैं, उन्हें इस संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
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संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के तहत विभिन्न कक्षाओं के लिए वजीफे की राशि अलग-अलग निर्धारित की गई है। यह राशि प्रतिमाह के हिसाब से छात्रों को प्रदान की जाएगी।
यह वजीफा छात्रों को उनकी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने और संस्कृत शिक्षा के प्रति उनके उत्साह को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।
—वरिष्ठ पत्रकार एस. हनुमंत राव की कलम से