द्वितीय विश्वयुद्ध की सुरंग पर्यटक स्थल के रुप में होगी विकसित (सौ. सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने लंदनवासियों पर जमकर बमबारी की थी। जिसकी वजह से युद्ध के दौरान आश्रय देने के लिए लंदन में सुरंग का निर्माण किया गया था। अब जल्द ही इस सुरंग पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किया जाएगी। मध्य लंदन में होलबोर्न के नीचे स्थित यह सुरेंगे 1.6 किलोमीटर लंबी है। इस सुरंग के कुछ हिस्से इतने लंबे हैं कि इसमें डबल डेकर बस आ सकती है। इस सुरंग में आपको उस समय के इतिहास की झलक देखने को मिलेगी। कहा जाता है कि इस सुरंग को साल 1940 में हाथ से खोदा गया था। उस समय जर्मनी विमान शहर पर दिन रात बमबारी कर रहे थे। जिससे बचने के लिए लोगों को सुंरग में आश्रय लेना पड़ा।
द्वितीय विश्वयुद्ध
किंग्सवे एक्सचेंज सुरंगों का निर्माण 1940 के दशक में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्लिट्ज बमबारी अभियान से लंदनवासियों को आश्रय देने के लिए किया गया था। जमीन के अंदर बनी इस सुरंग में फिलहाल पुराने जनरेटर, पाइप और जंग लगे बोल्ट हैं। यह अभी बिल्कुल कबाड़ी की तरह दिखाई देती है। इस सुरंग में 1950-60 के दशक के बीच करीब 200 लोगों के लिए एक स्टाफ बार और कैंटीन के अवशेष भी मिले हैं। जिसके बाद से इस सुरंग में कोई नहीं गया। इसे पर्टयकों के लिए विकसित किया जा रहा है। जिसमें करीब 201.8 मिलियन डॉलर का खर्च आने का अनुमान है। पर्यटन स्थल बनने के बाद इस सुरंग के अंदर कई सुविधाएं मिल सकेंगी।
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इस सुरंग को 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक जनता के लिए खोला जा सकता है। सुरंगों को पर्यटक स्थल के रुप में बदलने की योजना को पिछले साल अधिकारियों ने मंजूरी दी थी और इसमें संग्रहालय, प्रदर्शनी स्थल और मनोरंजन केंद्र का संयोजन शामिल है। एंगस मरे के अनुसार, यह परियोजना लंदन के इतिहास को एक गहन दृष्टिकोण से फिर से जीने का अवसर देगी जो द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर आज तक का दौरा पेश करेगी।
परियोजना का एक मुख्य आकर्षण यह है कि सुरंगें, जिनकी कुल लंबाई 1.6 किमी है और ऊंचाई इतनी है कि एक डबल-डेकर बस चल सकती है एक अनूठा अन्वेषण अनुभव प्रदान करेगी। मरे ने शहर में ऐतिहासिक अनुभवों की मांग का जिक्र करते हुए कहा कि “लंदन में अगर कोई एक चीज काम करती है, तो वह है पर्यटन।”