मसाई मारा (सौजन्य-पिनटरेस्ट)
नवभारत डेस्क: फोटोग्राफी और वाइल्ड लाइफ के शौकीन फोटोग्राफर्स और नेचर लवर अक्सर नई जगह ढूंढते रहते है, जो नेचर से जुड़ी हुई है। दुनिया में बहुत कम ही ऐसे नेचर रिजर्व है जहां दुर्लभ वन्य प्राणी दिखाई देते है और ऐसी जगहों को नेचर लवर घूमने जरुर जाते है।
तो आज का ये डेस्टीनेशन उन्हीं नेचर लवर के लिए है। आज जिस नेचर रिजर्व की हम बात कर रहे है उसका नाम मसाई मारा है। ये नेचर रिजर्व भारत में नहीं बल्कि केन्या में स्थित है, जहां आपको वाइल्ड लाइफ को नजदीक से जानने का मौका मिलता है।
केन्या के इस नेचर रिजर्व मसाई मारा में हर साल जुलाई से अक्टूबर माह के बीच 15 लाख से भी ज्यादा अफ्रीकी बारहसिंघे (वाइल्डबीस्ट), हजारों जेबरा और गजेल (एक तरह का हिरण) तंजानिया के सेरेन्गेटी से मसाई मारा तक माइग्रेट करते हैं। इसे ग्रेट माइग्रेशन कहा जाता है।
मसाई मारा (सौजन्य-पिनटरेस्ट)
इस माइग्रेशन के दौरान इनके वन्य शिकारी जैसे शेर, चीतें, तेंदुए के साथ होती इनकी भिड़ंत भी इस दौरान देखने के लिए मिलती है। इसके अलावा जब वे नदियों को पार करते है तो पहले से भूखे बैठे मगरमच्छ भी उनके इंतजार में रहते है। इस झड़प को देखना भी आकर्षक होता है। इन नजारों को देखकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप कोई वाइल्ड लाइफ डॉक्यूमेंट्री देख रहे हो।
मसाई मारा में आप बिग फाइव भी देख सकते है। ये यहां की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। बिग फाइव मतलब शेर, तेंदुए, हाथी, जंगली भैंस और गैंडे। इस जगह पर बिग फाइव बड़े पैमाने में नज़र आते है। यहां आप सफारी का भी लुत्फ उठा सकते है।
मसाई मारा (सौजन्य-पिनटरेस्ट)
मसाई मारा में बहने वाली तालेक और मारा नदियों में सालभर पानी रहता है और इसलिए इन नदियों के किनारों पर वन्यजीव अक्सर देखे जा सकते हैं।
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यहां ठहरने के लिए लॉज और कैंप्स भी मौजूद है। ठहरने के लिए सफारी लॉज कैंप्स भी हैं यहां आसानी से मिल जाते है, जो नेचर को नुकसान पहुंचाए बिना इस जगह का लुत्फ उठाने में मदद करते है। यहां वन्यजीवों की इतनी बहुतायत है कि आपको ये इस क्षेत्र में कहीं भी देखने को मिल जाते हैं।
यहां घूमने जा रहे है तो मसाई के स्थानीय लोगों से मिलना न भूलें। यहां के स्थानीय पोशाक, रिति-रिवाजों, जीवन शैली को भी जानें जोकि एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
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