ओरछा, मध्य प्रदेश (सोर्स-सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: मानसून में आप अगर घूमने के लिए बेताब हुए जा रहे हैं। ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल रही है। लंबी ट्रिप प्लान नहीं कर पा रहे हैं। तो हम आज आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी जगह के बारे में जो आपके लिए नई भी होगी और दिल्ली से ज्यादा दूर भी नहीं होगी। साथ ही यहां आपको देश का इकलौता ऐसा राम मंदिर मिलेगा जहां राजा राम के रूप मे पूजे जाते हैं।
हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वहां आप वीकेंड में भी घूम सकते हैं। थर्सडे को बैग पैक कर के रख दीजिए। फ्राइडे की शाम को हजरत निजामुद्दीन पहुंचिए और वहां से 8 बजे से 11 बजे के बीच झांसी जाने वाली कोई भी ट्रेन पकड़ लीजिए। सुबह उतरिए वीरागंना लक्ष्मी बाई जंक्शन। कैब बुक करिए या फिर सेम रूट का ऑटो लीजिए 40 रुपए दीजिए और पहुंच जाइए ओरक्षा।
ओरक्षा झांसी से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन आता यह मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में है। पहले निवाड़ी तहसील हुआ करती थी और जिला टीकमगढ़ था। ख़ैर कौन सी तहसील कब जिला बनी हमें इससे क्या? हम आपको ओरछा लेकर आए हैं तो ओरछा घुमाते हैं।
राम राजा मंदिर, ओरछा (सोर्स-सोशल मीडिया)
वैसे तो यह प्रभु श्रीराम का ही मंदिर है। लेकिन यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां राम राजा के रूप में पूजे जाते हैं। मान्यता है कि यहां जो कोई भी अपनी मनोकामना लेकर आता है मंदिर में माथा टेकता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है कि यहां आपको हर दिन भक्तों की भारी भीड़ नज़र आएगी।
जहाँगीर महल, ओरछा (सोर्स-सोशल मीडिया)
मंदिर के सामने की सड़क के ठीक उस पार जहांगीर महल भी है। इस एतिहासिक स्थल में पहुंचकर आपको तत्कालीन सांस्कृतिक विरासत और नक्काशी के शाश्वत दर्शन हो जाएंगे। यह महल 17वीं शताब्दी में ओरछा के राजा वीर सिंह देव ने जहांगीर के स्वागत में बनवाया था। ओरछा में भारतीय ही नहीं भारी संख्या में विदेश पर्यटक भी आपको नज़र आएंगे।
ओरछा का किला (सोर्स-सोशल मीडिया)
जहांगीर महल के ठीक बगल में ओरछा फोर्ट भी मौजूद है। बेतवा और जामनी के संगम पर बना यह किला 16वीं सदी में राजा रुद्र प्रताप सिंह ने बनवाया था। इसके पूरब में शहर जाने के लिए ग्रेनाइट पत्थर से एक पुल भी बनाया है। इस फोर्ट की प्राचीर पर पहुंचकर बेतवा को निहारने का सुख अलग ही है।
बेतवा नदी, ओरछा (सोर्स-सोशल मीडिया)
यह नदी राम राजा मंदिर और फोर्ट से महज चंद कदमों की दूरी पर है। यहां नदी का पानी एकदम साफ रहता है। इसके साथ ही नदी के किनारी सीढ़ियों या पत्थरों पर बैठकर पानी में पैर चलाने का अपना अलग आनंद है। अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो राफ्टिंग भी कर सकते हैं।