केरल के इस मंदिर में पुरुषों को पूजा करने से पहले करना पड़ता है सोहल श्रृंगार, जानें क्या है इसके पीछे कारण
Unique Temple: भारत में अनेक धर्मों और संस्कृतियों के लोग अलग-अलग रीति रिवाज और परंपराएं फॉलो करते हैं। यहां पर मौजूद हर मंदिर की अपनी अलग मान्यताएं हैं लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बता रहे हैं उसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा। दरअसल केरल में एक मंदिर ऐसा है जहां पर पुरुष महिलाओं की तरह सज धज कर देवी की पूजा करते हैं। पुरुषों को पूजा करने के लिए महिलाओं की तरह वेश धारण करना पड़ता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
केरल का यह मंदिर कोल्लम जिले के चवारा में स्तित है। इसका नाम कोट्टनकुलंगरा देवी मंदिर है। यहां पर सैकड़ों पुरुष महिलाओं की तरह कपड़े पहनते हैं और देवी से अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करते हैं। यह मंदिर प्राचीन और प्रसिद्ध है जो देवी भद्रकाली को समर्पित है। इसका स्थापना के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। लेकिन माना जाता है कि यह काफी पुराना है। कुछ लोगों के अनुसार पुरुष 16 श्रृंगार करके शक्ति का प्रतीक बनते हैं। जानकारी के अनुसार यह परंपरा लिंग समानता को दर्शाता है। देवी की पूजा करने के लिए पुरुष और महिलाओं दोनों को समान अधिकार है।
इस परंपरा के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। एक कथा के अनुसार एक बार जब भद्रकाली ने राक्षस का वध किया था। इस युद्ध में देवी भद्रकाली का रूप इतना भयानक हो गया था कि देवता उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया। तब देवी ने अपना रूप बदला और 16 श्रृंगार किया। बता दें कि यह परंपरा केरल की संस्कृति का अहम हिस्सा है। स्थानीय लोगों के लिए यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
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आज के समय में भी यह परंपरा जारी है। जहां पर पुरुष अपने चेहरे पर अलग-अलग सौंदर्य प्रसाधन लगाते हैं। जिसमें सिंदूर, बिंदी, काजल, आईलाइनर, लिपस्टिक आदि शामिल है। इसके अलावा पुरुष साड़ी और गहने भी पहनते हैं। यहां पर स्थानीय लोगों के अलावा दूर दूर से लोग आकर 16 श्रृंगार करके देवी की पूजा करते हैं।