हेमकुंड साहिब (सौ. सोशल मीडिया)
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब बर्फ से ढके पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा हुआ है। यह स्थान बहुत ही पवित्र और शांत है। सिख धर्म के लिए यह जगह बहुत ही खास है क्योंकि यहां गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब है। इस साल हेमकुंड साहिब की यात्रा करने आप भी उत्तराखंड की हसीन वादियों में जा सकते हैं। यह जगह धार्मिक महत्व के अलावा प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
सिख श्रद्धालुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक हेमकुंड साहिब के कपाट इस साल 25 मई को खोल दिए जाएंगे। यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की बुकिंग भी शुरू हो गई है। अगर आप हेमकुंड साहिब की यात्रा करने जाना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत ऋषिकेश या हरिद्वार से कर सकते हैं। गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक का सफर पैदल यात्रा करके श्रद्धालु तय कर सकते हैं। पैदल, घोड़े या खच्चर के अलावा आप हेलीकॉप्टर सेवाओं का भी आनंद ले सकते हैं।
समुद्र तल से करीब 15000 फीट ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड बहुत ही खूबसूरत जगह है। यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है। यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा का भी इंतजाम किया है। जिसके तहत मेडिकल कैंप, ऑक्सीजन सुविधा और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
यह स्थल सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी को समर्पित है। यहां एक सात पहाड़ों से घिरा पवित्र सरोवर है जिसे हेमकुंड कहा जाता है। यह गुरुद्वारा साल में सिर्फ पांच छह महीने ही खुला रहता है। इस जगह बर्फबारी होती है जिसकी वजह से ज्यादातर समय यह बंद रहता है।
हर साल की तरह इस साल भी हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं। उत्तराखंड प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यात्रा के सफल आयोजन की पूरी तैयारियां कर ली है। यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।
दिल्ली से ऋषिकेश तक ट्रेन के जरिए आप जा सकते हैं। जहां से आपको गोविंदघाट तक बस से जाना होगा। जिसके बाद घांघरिया से हेमकुंड साहिब पैदल यात्रा करनी होती है। यहां पर बजट में आप पूरी यात्रा कर सकते हैं।