इस मंदिर में गिलहरी के रुप में होती है हनुमान जी का पूजा, भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी
Gilahraj Hanuman Temple: भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में भगवान राम के साथ हनुमान जी को पूजा जाता है। हनुमान जी के अनेकों मंदिर हैं और उन मंदिरों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं और खासियत है। इन मंदिरों में भगवान हनुमान की अलग-अलग तरह से पूजा की जाती है। इन्हीं मंदिरों में से एक हनुमान मंदिर ऐसा भी जो विश्वभर में प्रसिद्ध है। खास बात यह है कि यहां पर हनुमान जी को गिलहरी के रूप में पूजा जाता है। मान्यताओं के अनुसार अगर भक्त यहां लगातार दिनों तक पूजा करते हैं तो उनकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। यह अनोखा मंदिर अलीगढ़ में स्थित है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
भगवान के हजारों मंदिर आपने देखे होंगे लेकिन यह मंदिर अपने आप में अनोखा है जहां पर भगवान का ऐसा स्वरूप आपने शायद ही देखा होगा। अचल ताल सरोवर के किनारे स्थित हनुमान जी का मंदिर गिलहराज मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसके आसपास करीब 50 से ज्यादा और मंदिर हैं। लेकिन इस मंदिर की मान्यताएं सबसे अलग हैं। माना जाता है कि यह मंदिर भारत में इकलौता है जहां पर हनुमान जी को गिलहरी के रूप में पूजा जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब भगवान राम जब राम सेतु पुल का निर्माण कर रहे थे तो उस दौरान भगवान राम ने हनुमान जी से कुछ देर आराम करने के लिए कहा था। लेकिन हनुमान जी ने आराम नहीं किया। उस समय उन्होंने गिलहरी का रूप धारण किया और पुल बनवाने में राम जी की सेना की मदद की। जब भगवान राम ने हनुमान जी को गिलहरी के रूप में देखा तो उसके ऊपर हाथ फेरा और उनके हाथ की लकीर गिलहरी के पीठ पर बन गई जिसे अभी तक देखा जा सकता है।
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कहा जाता है कि यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है लेकिन सही समय के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। महाभारत काल में भगवान कृष्ण के भाई दाऊजी महाराज ने पहली बार हनुमान जी की गिलहरी के रूप में यहां पूजा की थी। मान्यता है कि इस मंदिर में लगातार 41 दिन पूजा करने से दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। यहां पर दर्शन करने से शनि ग्रह और अन्य ग्रहों के प्रकोप दूर हो सकते हैं। गिलहरी के रूप में विराजमान हनुमान जी के दर्शन करने आप यहां आ सकते हैं।