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इन देशों में घूमने का बना रहे है प्लान तो करा लें ट्रैवल इंश्योरेंस, जानिए क्या है नियम और फायदे

विदेश यात्रा पर जाते समय ट्रैवल इंश्योरेंस लेना ज़रूरी है या नहीं, ये पूरी तरह उस देश की पॉलिसी पर निर्भर करता है जहां आप घूमने जा रहे हैं। इसे कई देश है जहां जाने के लिए इंश्योरेंस लेने जरूरी हो गया है।

  • By आकाश मसने
Updated On: Dec 16, 2024 | 09:20 PM

क्यूबा (सोर्स: सोशल मीडिया)

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नवभारत डेस्क:हर जगह ये अनिवार्य नहीं है, लेकिन 38 देश ऐसे हैं जहां ट्रैवल इंश्योरेंस लेना कानूनी तौर पर ज़रूरी है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा सके और उनके डॉमेस्टिक हेल्थकेयर सिस्टम पर ज़्यादा बोझ न पड़े।

जब किसी देश में ट्रैवल इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया जाता है, तो यह उस देश में प्रवेश करने या वीज़ा के लिए आवेदन करने के लिए कानूनी रूप से आवश्यक हो जाता है। इन मैंडेटरी पॉलिसियों के फायदे भी आमतौर पर रेगुलर ट्रैवल इंश्योरेंस की तरह ही होते हैं, जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, फ्लाइट में देरी, सामान/पासपोर्ट खो जाने, संपत्ति के नुकसान होने या फिर शारीरिक चोट लगने पर कवरेज।

कुछ देशों में यात्रियों के लिए मैंडेटरी इंश्योरेंस पर अतिरिक्त शर्तें लागू होती हैं। उदाहरण के लिए, आपको न्यूनतम अवधि के लिए न्यूनतम कवरेज वैल्यू वाली पॉलिसी लेनी पड़ सकती है। इसी तरह, कुछ देशों में एडवेंचर एक्टिविटीज़ में भाग लेने या महामारी और नागरिक अशांति जैसी आपात स्थितियों के दौरान ट्रैवल इंश्योरेंस ज़रूरी होता है।

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कभी-कभी, ये नियम अस्थायी होते हैं। उदाहरण के लिए, कोविड-19 महामारी के दौरान सिंगापुर और भूटान जैसे देशों ने यात्रियों के लिए कोविड-19 कवरेज वाले इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया था। हालांकि, महामारी के थमने के बाद कई जगहों पर ऐसी पाबंदियां हटा दी गई हैं।

कुछ देशों में ट्रैवल इंश्योरेंस के अनिवार्य होने के कारण

  • तुरंत मेडिकल मदद : कुछ देश ट्रैवल इंश्योरेंस लेना अनिवार्य बनाते हैं ताकि पर्यटक तुरंत मेडिकल सहायता ले सकें और उन पर पैसे का ज़्यादा बोझ न पड़े। आपके इंश्योरर के ज़रिए दवाइयों और अस्पताल में भर्ती के खर्च को कवर करने पर काफ़ी मदद मिल सकती है, खासकर उन देशों में जहां सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था नहीं होती।
  • पैसे का बोझ कम करने के लिए: अगर किसी पर्यटक के पास ट्रैवल इंश्योरेंस नहीं है और वह यात्रा के दौरान बीमार पड़ जाता है, तो उसका इलाज करवाने का बोझ लोकल हेल्थकेयर सुविधाओं पर पड़ता है। ऐसे देशों में जहां सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं हैं, यह खर्च वहां के नागरिकों से लिए गए टैक्स से उठाना पड़ सकता है।
  • सार्वजनिक सुरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा : अगर कोई पर्यटक मेडिकल सहायता नहीं ले पाता, खासकर संक्रामक बीमारियों के मामलों में तो स्थानीय लोगों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। ट्रैवल इंश्योरेंस यह सुनिश्चित करता है कि आप बिना वित्तीय चिंता के तुरंत मेडिकल सहायता प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आपकी और सार्वजनिक सुरक्षा, दोनों बनी रहती हैं।
  • सरकार पर बोझ कम करने के लिए: प्राकृतिक आपदाओं, नागरिक अशांति, और युद्ध जैसी आपात परिस्थितियों में स्थानीय सरकारें पर्यटकों पर हमेशा पब्लिक फंड खर्च करने के लिए तैयार नहीं होतीं। लेकिन अगर आपके पास ट्रैवल इंश्योरेंस है, तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं क्योंकि ये मेडिकल सहायता, इमरजेंसी ट्रांसपोर्ट, और निकासी का खर्च कवर करता है।
    बेहतर यात्रा का अनुभव देने के लिए: सोचिए, आप छुट्टी के लिए किसी देश में गए हैं, लेकिन हेल्थ इमरजेंसी, फ़्लाइट में देरी, या सामान खोने या उसके चोरी होने की वजह से आपको अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। इससे आपकी पूरी यात्रा का मज़ा खराब हो जाएगा, और हो सकता है कि आप भविष्य में उस जगह पर जाना ही न चाहें। लेकिन ट्रैवल इंश्योरेंस के साथ, आप रात को चैन से सो सकते हैं, क्योंकि आप जानते हैं कि इंश्योरेंस से किसी भी आपात स्थिति में आपकी मदद हो जाएगी।

वेबसाइट से अपडेट नियमों की जांच करें

कई देशों में भारतीय यात्रियों के लिए अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल इंश्योरेंस अनिवार्य होता है, और आमतौर पर मेडिकल इमरजेंसी, COVID-19 उपचार या इवैक्युएशन के लिए कवरेज शामिल होता है। प्रमुख उदाहरणों में क्यूबा, एक्वाडोर (गालापागोस के लिए), अरूबा, जॉर्डन, नेपाल (ट्रेकिंग/माउंटेनियरिंग), वियतनाम, ईरान, लाओस, कतर, रवांडा, और सेशेल्स शामिल हैं।

शेंगेन देशों में कम से कम 30,000 युरो का कवरेज ज़रूरी होता है, जबकि रूस, तुर्की, UAE (मल्टीपल-एंट्री वीज़ा), सऊदी अरब, और USA में छात्रों के लिए के लिए भी विशेष आवश्यकताएं होती हैं। दूर-दराज के स्थानों जैसे अंटार्कटिका में, कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल इवैक्युएशन कवरेज आवश्यक होता है। अपना ट्रैवेल प्लान करने से पहले हमेशा एम्बेसी या ऑफिशियल वेबसाइट से अपडेट किए गए नियमों की जांच करें।

वैलिड ट्रैवल इंश्योरेंस न रहने पर परिणाम

  • प्रवेश से इनकार: जिन यात्रियों के पास ट्रैवल इंश्योरेंस नहीं होता, उन्हें प्रवेश से मना किया जा सकता है। जहाँ वीज़ा के लिए इंश्योरेंस ज़रूरी होता है, वहां वीज़ा आवेदन खारिज कर दिया जाएगा।
  • कानूनी जुर्माना: स्थानीय कानूनों के अनुसार, जो यात्री इंश्योरेंस की शर्तों का पालन नहीं करते, उन्हें जुर्माना या कानून के अनुसार अन्य कोई दंड मिल सकता है।
  • वित्तीय बोझ: जिन यात्रियों ने इंश्योरेंस नहीं ले रखा है, उन पर तुरंत वित्तीय बोझ बढ़ सकता है, जैसे कि नई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना या वापसी की फ्लाइट बुक करना। मेडिकल इमरजेंसी या फिर सामान के खो जाने के मामले में खर्च एक दम से बढ़ सकते हैं।
  • यात्रा में रुकावटें: अगर ट्रैवेल इंश्योरेंस नहीं कराया है, तो यात्री के प्लान में कई रुकावटें आ सकती हैं। जैसे उन्हें अपने रुकने के स्थान, ट्रांसपोर्ट, या एक्टिविटीज़ को दोबारा प्लान करना पड़ सकता है, जिससे अनावश्यक तनाव और असुविधा हो सकती है।

बता दें कि उन देशों में यात्रा करने से पहले अपना ट्रैवेल इंश्योरेंस पहले से ही करवा लें जहां इंश्योरेंस अनिवार्य होता है। यह सुनिश्चित करें कि आपकी पॉलिसी स्थानीय नियमों के अनुसार हो, जिसमें आवश्यक राशि, अवधि, और कवर शामिल हो। फोनपे जैसे प्लेटफॉर्म के ट्रैवेल इंश्योरेंस की आसान प्रक्रिया होती है और ये कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज के साथ आते हैं।

38 countries where travel insurance is necessary

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Published On: Dec 16, 2024 | 09:20 PM

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