AI vs Human से क्या होगा भविष्य। (सौ. Freepik)
AI vs Human: पिछले कुछ महीनों में यह सवाल तेजी से चर्चा में है कि क्या 2050 तक आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस इंसानों की भूमिका को कम या समाप्त कर देगा? हाल ही में एक उन्नत AI सिस्टम से पूछे गए इसी सवाल का जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद टेक विशेषज्ञों से लेकर आम यूजर्स तक हर कोई इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचने को मजबूर हो गया। AI का कहना था कि भविष्य में कई ऐसे काम होंगे जो इंसानों के बिना भी संभव हो जाएंगे और यही बयान चिंता की वजह बना।
पिछले कुछ वर्षों में AI जिस तेज़ी से विकसित हुआ है उसने दुनिया को तकनीकी रूप से जरूर आगे बढ़ाया है, लेकिन इसके साथ ही यह डर भी बढ़ रहा है कि कहीं मशीनें इंसानों को पूरी तरह पीछे न छोड़ दें। आज AI खुद से सीखने, निर्णय लेने और कई जटिल कार्यों को बिना इंसानी हस्तक्षेप के पूरा करने की क्षमता हासिल कर चुका है। हेल्थकेयर, फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग, रक्षा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में AI का बढ़ता उपयोग इंसानों पर निर्भरता को लगातार कम कर रहा है। ऐसे में यह सवाल बार–बार उठता है कि क्या आने वाले दशकों में इंसानों की भूमिका सीमित होकर रह जाएगी?
सोशल मीडिया पर वायरल बयान में AI ने माना कि तकनीक इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है कि 2050 तक कई कार्य बिना इंसानी दखल के भी किए जा सकेंगे। यह सुनकर आम लोगों से लेकर विशेषज्ञों तक हर कोई इस बात से चिंतित हो उठा कि क्या आने वाले समय में मशीनें नौकरियों, निर्णय लेने और क्रिएटिविटी जैसे क्षेत्र भी संभाल लेंगी? हालांकि AI ने यह भी स्पष्ट किया कि इंसानों को पूरी तरह हटाना न तो संभव है और न ही सुरक्षित। AI सिर्फ डेटा और पैटर्न पर आधारित काम करता है, जबकि भावनाएं, नैतिकता, संवेदनशीलता और मानवीय दिमाग की अनूठी रचनात्मक क्षमता किसी भी आर्टिफिशियल सिस्टम में नहीं बनाई जा सकती।
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टेक विशेषज्ञों का मानना है कि AI इंसानों का स्थान लेने नहीं बल्कि उनकी मदद करने आया है। उनके अनुसार, “AI इंसानों का प्रतिस्थापन नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली टूल है जो काम को आसान और तेज़ बनाता है।” भविष्य में इंसानों की भूमिका खत्म नहीं होगी, बल्कि उनका काम करने का तरीका बदलेगा। AI दोहराए जाने वाले और तकनीकी कार्यों को संभालेगा, जबकि इंसान रणनीति, रचनात्मकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता वाले क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस करेंगे। यानी भविष्य इंसान और मशीन के साथ–साथ काम करने का होगा, न कि एक-दूसरे की जगह लेने का।