Digital Currency का क्या है भारत में भविष्य। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: भारत में डिजिटल करेंसी को लेकर बीते कुछ वर्षों में तेजी से रुचि बढ़ी है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल रुपया (Digital Rupee) के पायलट प्रोजेक्ट से यह साफ संकेत दे दिया है कि देश अब नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर मजबूत कदम बढ़ा चुका है। तकनीकी विकास और फाइनेंशियल इन्क्लूज़न की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
डिजिटल करेंसी एक वर्चुअल मुद्रा है जो पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होती है। इसे छापा नहीं जाता, बल्कि यह ब्लॉकचेन या अन्य डिजिटल तकनीक के ज़रिए संचालित होती है। भारत में इसे Central Bank Digital Currency (CBDC) के रूप में लॉन्च किया गया है, जिसे केवल RBI जारी करता है।
भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में डिजिटल करेंसी से कई फायदे हो सकते हैं:
जहां डिजिटल करेंसी के कई फायदे हैं, वहीं कुछ चुनौतियां भी सामने हैं:
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है, “डिजिटल रुपया देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देगा, लेकिन इसके लिए मजबूत तकनीकी बुनियाद और व्यापक जनजागरूकता ज़रूरी है।”
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डिजिटल करेंसी भारत के आर्थिक भविष्य की रीढ़ बन सकती है। सही रणनीति, सुरक्षा उपाय और डिजिटल शिक्षा के साथ यह न केवल आर्थिक प्रणाली को सशक्त करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक डिजिटल इकॉनमी में अग्रणी भी बना सकती है।