network tower की हो रही है चोरी। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में कॉल ड्रॉप जैसी समस्याओं का सामना करने वाले उपभोक्ताओं के लिए चौंकाने वाली खबर सामने आई है। हाल ही में एक क्रिमिनल नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जो टेलीकॉम टावरों में लगे रिमोट रेडियो यूनिट (RRU) की चोरी में लिप्त था। ये नेटवर्क चोरी किए गए लाखों रुपये के डिवाइस चीन और अन्य एशियाई देशों में बेच रहा था। आइए समझते हैं कि यह RRU क्या है और इसका कॉल ड्रॉप से क्या संबंध है।
रिमोट रेडियो यूनिट (RRU) टेलीकॉम टावर का एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट होता है, जो आपके मोबाइल फोन को नेटवर्क से जोड़ता है। इसकी प्रत्येक यूनिट की कीमत 3 से 5 लाख रुपये होती है। आरआरयू की चोरी से टावर की नेटवर्क क्षमता प्रभावित होती है, जिसके कारण क्षेत्र में कॉल ड्रॉप और नेटवर्क की समस्याएं पैदा होती हैं।
बीते दो सालों में RRU चोरी के मामलों में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है।
एयरटेल समेत अन्य टेलीकॉम कंपनियां इस समस्या से जूझ रही हैं, जिससे लाखों उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं।
टेलीकॉम टावर में 3 से 4 RRU यूनिट होती हैं। जब चोर इन्हें निशाना बनाते हैं, तो उस क्षेत्र की सिग्नल स्ट्रेंथ और कॉल कनेक्टिविटी पर असर पड़ता है। एक टेलीकॉम अधिकारी ने बताया, “जब अगली बार आपको कॉल ड्रॉप का सामना हो, तो यह संभावना हो सकती है कि पास के टावर से RRU चोरी हुआ हो।”
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इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने नेट कूल अलार्म सिस्टम जैसे एडवांस सिक्योरिटी सॉल्यूशन लागू किए हैं। यह सिस्टम RRU के डिस्कनेक्ट होने पर तुरंत अलर्ट भेजता है। इन उपायों की मदद से दिल्ली-एनसीआर में पिछले तीन महीनों में 30 गिरफ्तारियां और यूपी में 70 गिरफ्तारियां हुई हैं।