Sanchar saathi ऐप की मदद से होगा ये काम। (सौ. X)
Government Order For Smartphone: भारत सरकार ने साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने नए स्मार्टफोन्स में Sanchar Saathi साइबर सेफ्टी ऐप प्री-इंस्टॉल करके ही बाजार में उतारें। सबसे खास बात यह ऐप फोन से हटाया नहीं जा सकेगा, जिसे लेकर खासकर Apple जैसी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
सरकार द्वारा 28 नवंबर को जारी किए गए आदेश के मुताबिक, Samsung, Apple, Xiaomi, Vivo, Oppo समेत सभी ब्रांड्स को अगले 90 दिनों के भीतर ऐप को अपने नए फोनों में अनिवार्य रूप से जोड़ना होगा। जो डिवाइस पहले ही सप्लाई चेन में भेजे जा चुके हैं, उनमें यह ऐप ओवर-द-एयर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इंस्टॉल किया जाएगा। यह आदेश पब्लिक घोषणा के रूप में नहीं, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया था।
पिछले कुछ सालों में IMSI और IMEI आधारित साइबर अपराध, फोन क्लोनिंग और नेटवर्क मिसयूज़ तेजी से बढ़ा है। सरकार का कहना है कि अपराधी Duplicate IMEI बनाकर फोन की ट्रैकिंग मुश्किल बना देते हैं और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते हैं। Sanchar Saathi ऐप इन अपराधों को रोकने में बेहद कारगर साबित हुआ है।
इस ऐप के जरिए यूजर्स:
सरकार के अनुसार, जनवरी से अब तक 7 लाख से ज्यादा खोए हुए फोन वापस मिल चुके हैं। सिर्फ अक्टूबर में 50,000 फोन रिकवर हुए।
Apple की पॉलिसी के अनुसार, कंपनी किसी भी थर्ड-पार्टी या सरकारी ऐप को प्रीलोड नहीं करती। iPhone पर किसी बाहरी ऐप का प्री-इंस्टॉल होना नियमों के खिलाफ है। Reuters रिपोर्ट के मुताबिक, Counterpoint Research के टैरन पाठक ने कहा कि: “Apple सीधे आदेश का पालन करने की बजाय कोई मिडिल ग्राउंड तलाश सकता है, जैसे प्री-इंस्टॉल की जगह केवल इंस्टॉलेशन प्रॉम्प्ट देना।” Android कंपनियों Samsung, Xiaomi, Vivo के लिए यह कदम लागू करना आसान है क्योंकि Android सिस्टम ऐप को आसानी से जोड़ सकता है।
सरकारी आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं:
सरकार का दावा है कि यह ऐप साइबर सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
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आम यूजर्स को इस ऐप से कोई दिक्कत नहीं होगी। बल्कि फायदे अधिक हैं:
फायदे
चिंता
कुछ प्राइवेसी एक्टिविस्ट और Apple जैसे ब्रांड इसे यूज़र स्वतंत्रता में दखल मान रहे हैं।