महंगा होगा आपका रिचार्ज। (सौ. Design)
मोबाइल उपभोक्ताओं को जल्द ही जेब पर और बोझ महसूस हो सकता है, क्योंकि टेलीकॉम कंपनियां इस साल के अंत तक मोबाइल टैरिफ में 10 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में एक्टिव यूजर्स की संख्या और डाटा खपत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई, जिससे कंपनियों की कमाई की भूख और बढ़ गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जुलाई 2024 में ही 11 से 23 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाए जा चुके हैं। ऐसे में एक और बढ़ोतरी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ सकती है। विश्लेषकों का यह भी मानना है कि अगली बार कंपनियां टियर प्राइसिंग मॉडल लागू कर सकती हैं, जिससे बड़े डाटा प्लान्स में मिलने वाले फायदे सीमित हो सकते हैं।
मई 2025 में 7.4 मिलियन नए एक्टिव यूजर्स जुड़ने के बाद कुल आंकड़ा 1.08 बिलियन पर पहुंच गया। यह पिछले 29 महीनों का सबसे बड़ा इजाफा रहा। इस दौरान Reliance Jio ने 5.5 मिलियन यूजर्स, जबकि Airtel ने 1.3 मिलियन यूजर्स जोड़े। Jio की हिस्सेदारी अब 53% और Airtel की 36% तक पहुंच गई है।
एक वरिष्ठ टेलीकॉम अधिकारी ने कहा, “मई में यूजर्स की तेज़ी से बढ़ती संख्या केवल टैरिफ बढ़ोतरी को स्वीकार करने का संकेत नहीं है, बल्कि सेकेंडरी सिम के दोबारा इस्तेमाल की भी वापसी हो चुकी है।” उनका कहना है कि अब टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धा पीछे छूट चुकी है और 5G के विस्तार पर ही आगे की यूजर ग्रोथ निर्भर करेगी।
विश्लेषकों के अनुसार, लोअर इनकम यूजर्स पहले ही टैरिफ बढ़ोतरी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगली बढ़ोतरी का असर खासकर मिड और अपर इनकम कैटेगरीज पर पड़ सकता है।
एक टेलीकॉम विशेषज्ञ ने बताया, “10-12% की संभावित बढ़ोतरी सभी यूजर्स पर समान रूप से लागू नहीं होगी। मिड और हाई-इनकम ग्रुप्स को सबसे ज़्यादा असर झेलना पड़ सकता है।”
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Jio और Airtel की तेजी से बढ़ती यूजर ग्रोथ से Vi जैसी संघर्ष कर रही कंपनियों की हिस्सेदारी कम हो रही है। इस स्थिति का फायदा उठाकर बड़ी कंपनियां टैरिफ बढ़ाकर राजस्व बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं।