आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसरो ने अपने वाणिज्यिक मिशन प्रोबा-3 के प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती (सौ. AI)
नवभारत टेक डेस्क: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसरो ने अपने वाणिज्यिक मिशन प्रोबा-3 के प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती मंगलवार को दोपहर 3:08 बजे शुरू कर दी। यह प्रक्षेपण 4 दिसंबर को शाम 4:08 बजे तय है। प्रोबा-3, जिसे ‘प्रोजेक्ट फॉर ऑनबोर्ड ऑटोनॉमी’ कहा जाता है, दुनिया का पहला मिशन है जिसमें ‘डबल-सैटेलाइट’ तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
प्रोबा-3 मिशन का उद्देश्य सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करना है। इसरो के अनुसार, इस मिशन में दो अंतरिक्ष यान – ‘कोरोनाग्राफ’ और ‘ऑकुल्टर’ को एक साथ प्रक्षेपित किया जाएगा। दोनों यान एक संरचित उड़ान में समन्वित होकर काम करेंगे।
‘प्रोबास’ शब्द का अर्थ लातिन भाषा में ‘चलो प्रयास करें’ है। यह मिशन सटीक संरचना उड़ान तकनीक के प्रदर्शन के लिए जाना जाएगा।
इस मिशन के लिए इसरो अपने भरोसेमंद ‘ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान’ (PSLV) का उपयोग कर रहा है। यह PSLV की 61वीं उड़ान और PSLV-XL संस्करण की 26वीं उड़ान होगी। 44.5 मीटर लंबे इस रॉकेट की उड़ान करीब 18 मिनट तक चलेगी, जिसके बाद यह 550 किलोग्राम वजनी प्रोबा-3 उपग्रहों को वांछित कक्षा में स्थापित करेगा।
इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड, ने इस मिशन के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) से अनुबंध प्राप्त किया है। यह मिशन इसरो की वाणिज्यिक क्षमताओं और तकनीकी कौशल को बढ़ावा देगा।