Apple की भारत पर निर्भरता। (सौ. Freepik)
Apple अब चीन पर अपनी निर्भरता धीरे-धीरे कम कर रहा है और भारत को iPhone निर्माण का नया केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इस बदलाव से भारत को न केवल वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग मैप पर मजबूती मिल रही है, बल्कि यहां रोज़गार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैश्विक स्तर पर बिकने वाले करीब 75% iPhone अभी भी चीन में बनते हैं, लेकिन Apple का लक्ष्य है इस निर्भरता को कम करना। वर्तमान में लगभग 18% iPhone भारत में बनाए जा रहे हैं, और कंपनी का टारगेट है कि 2026 तक अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone यहीं प्रोड्यूस किए जाएं। “भारत अब सवाल नहीं, जवाब बनता जा रहा है – iPhone प्रोडक्शन के लिए।” – रिपोर्ट
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सलाह के बावजूद Apple ने भारत को iPhone निर्माण के लिए आदर्श देश माना। Tata Electronics और Foxconn जैसी कंपनियां इस बदलाव में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। Apple ने मार्च 2025 में ₹19,630 करोड़ के iPhone भारत में बनाए, और मई तक ₹15,000 करोड़ के iPhone का प्रोडक्शन हो चुका है।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम ने iPhone निर्माण को और रफ्तार दी है। FY23-25 के बीच Tata को ₹2,068 करोड़ और Foxconn को ₹2,807 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मिली है। इसके अलावा सरकार ने ₹22,919 करोड़ ($2.7 बिलियन) की अतिरिक्त सब्सिडी भी अलॉट की है।
Foxconn की भारत में iPhone निर्माण में 65% हिस्सेदारी है और उसका 2024 में राजस्व ₹90,000 करोड़ पहुंच चुका है। कंपनी ने 20 मई को $1.5 बिलियन के निवेश का ऐलान किया है। साथ ही, 500 यूनिट प्रति घंटे के प्रोडक्शन वाले बेंगलुरु प्लांट की टेस्टिंग भी शुरू हो चुकी है।
Tata Electronics ने Wistron की फैक्ट्री और Pegatron की यूनिट को अपने अधिग्रहण में लेकर भारत में लंबी रणनीति तैयार कर ली है। 2025 तक Tata के पास भारत के iPhone प्रोडक्शन का 35% हिस्सा होगा।
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टाटा ने न केवल मैन्युफैक्चरिंग बल्कि एप्पल डिवाइसेज़ की सर्विसिंग में भी कदम बढ़ा दिया है। 5 जून तक Tata ने Wistron की ICT सर्विस यूनिट को टेकओवर करके iPhone रिपेयरिंग की जिम्मेदारी ले ली है। “Apple की भारत में 7% मार्केट शेयर के साथ after-sales मार्केट भी तेजी से बढ़ रहा है।” – द इकोनॉमिक टाइम्स