Solar Energy बनानेगा भारत का भविष्य। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: भारत आज जिस रफ्तार से ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है, उसमें सौर ऊर्जा की भूमिका अहम बनती जा रही है। जलवायु परिवर्तन और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से, भारत ने सौर ऊर्जा को भविष्य की ऊर्जा रणनीति का केंद्र बिंदु बना लिया है।
भारत सरकार ने ‘नेशनल सोलर मिशन’ के तहत 2030 तक 280 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत बड़े पैमाने पर सोलर पार्क्स की स्थापना की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिशा में स्पष्ट किया है कि “भारत का भविष्य स्वच्छ ऊर्जा में ही है, और सौर ऊर्जा उसका प्रमुख स्तंभ बनेगा।”
सौर ऊर्जा सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में क्रांति ला रही है। गांवों में बिजली की अनियमितता को देखते हुए सोलर पैनल्स अब वहां के लिए स्थायी समाधान बनते जा रहे हैं। इससे न केवल बिजली की उपलब्धता बढ़ी है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।
सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी संभव है। इससे न केवल वायु प्रदूषण घटेगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन की गति को भी धीमा किया जा सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, “अगर भारत सौर ऊर्जा पर पूरा ध्यान केंद्रित करे, तो यह आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सबसे बड़ा कदम होगा।”
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भारत के पास विशाल भूमि, तेज धूप और तकनीकी प्रगति के चलते सौर ऊर्जा को अपनाने की अपार संभावनाएं हैं। यह न केवल ऊर्जा संकट का समाधान दे सकता है, बल्कि आर्थिक विकास को भी नई दिशा देगा।