Ola की कार और बाइक की खासियत। (सौ. X)
नवभारत टेक डेस्क: सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता ओला इलेक्ट्रिक द्वारा प्रस्तुत बिक्री आंकड़ों और वास्तविक वाहन पंजीकरण के बीच बड़े अंतर को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, कई ग्राहकों की ओर से कंपनी के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) को ओला इलेक्ट्रिक की विक्रय संख्या और वाहन पंजीकरण के बीच के अंतर की जांच करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
ओला इलेक्ट्रिक ने सरकारी वाहन पोर्टल पर फरवरी 2024 के लिए 8,652 वाहन पंजीकृत किए, जबकि कंपनी ने 25,000 से अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री का दावा किया। 20 मार्च तक यह पंजीकरण संख्या 11,781 तक पहुंची। आंकड़ों में इस बड़े अंतर के कारण सरकार ने मामले की गहन जांच कराने का फैसला किया है।
ओला इलेक्ट्रिक को केंद्र सरकार की FAME-2 (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) योजना और PM E-Drive योजना के तहत सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ARAI की जिम्मेदारी है कि यह सुनिश्चित करे कि ओला इलेक्ट्रिक इन सरकारी दिशानिर्देशों का सही तरीके से पालन कर रही है।
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सरकार ने सिर्फ बिक्री और पंजीकरण आंकड़ों में विसंगति की ही नहीं, बल्कि उपभोक्ता शिकायतों की भी जांच करने के निर्देश दिए हैं। ARAI यह भी देखेगा कि कंपनी द्वारा दी गई जानकारी और वास्तविकता में कोई अनियमितता तो नहीं है।