आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : वैश्विक स्तर के साथ ही भारत में भी नई टेक्नोलॉजियों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट में ये बात सामने आयी है कि भारत में 90 प्रतिशत फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट इनोवेशन अपने काम के लिए कृत्रिम मेधा यानी एआई और सृजनात्मक एआई यानी जेनएआई को उपयोग करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट ‘भारत में फिनटेक नवाचार परिदृश्य का मानचित्रण’ के अनुसार, लगभग 74 प्रतिशत लोगों में डेटा एनालिटिक्स भी प्रमुखता से उभर कर सामने आया है। यह बताता है कि वित्तीय सेवा यानी एफएस क्षेत्र के भीतर अंतर्दृष्टि और निर्णय लेने में इसकी अभिन्न भूमिका है। इसमें कहा गया है कि सर्वेक्षण में बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों सहित 31 वित्तीय संस्थानों ने भाग लिया। रिपोर्ट के अनुसार, “एआई और जेनएआई भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए नवोन्मेषण के लिए मुख्य क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। इसमें 90 प्रतिशत लोगों ने इन्हें नवोन्मेषण के लिए प्रमुख प्रौद्योगिकी बताया है।”
इसके अलावा, 84 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ग्राहक अनुभव और जुड़ाव – अधिग्रहण, ऑनबोर्डिंग और सर्विसिंग नवाचार पहल के लिए प्रमुख क्षेत्र था। इसके अलावा, 50 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागियों ने उत्पाद वितरण को नवोन्मेषण के प्रमुख क्षेत्र के रूप में उजागर किया। रिपोर्ट कहती है कि यह भी ध्यान देने योग्य है कि विभिन्न प्रतिक्रियाओं में जोखिम प्रबंधन, परिचालन और नियामकीय अनुपालन का बार-बार उल्लेख किया जाना, चल रही तकनीकी प्रगति के बीच मजबूत प्रशासनिक ढांचे को बनाए रखने में क्षेत्र की तत्परता को दर्शाता है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर मिहिर गांधी ने कहा कि चूंकि फिनटेक उद्योग लगातार विकसित हो रहा है, इसलिए यह स्पष्ट है कि वृद्धि को डिजिटल सुरक्षा और नियामकीय अनुपालन की महत्वपूर्ण चुनौतियों के साथ संतुलित किया जाना चाहिए। दुनिया में एआई और जेनएआई का उपयोग दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। अब हर क्षेत्र में इस नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है। जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( जनरेटिव एआई , जेनएआई , या जीएआई ) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है जो जनरेटिव मॉडल का उपयोग करके टेक्स्ट, इमेज, वीडियो या अन्य डेटा जेनरेट करने में सक्षम है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)