लड़ाकू विमान की एस्केप प्रणाली का हाई स्पीड परीक्षण। इमेज-सोशल मीडिया
Fighter Aircraft Escape System: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने रक्षा क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। डीआरडीओ मंगलवार यानी 2 दिसंबर को चंडीगढ़ में लड़ाकू विमान की स्वदेशी इजेक्शन सीट का सफल परीक्षण किया। फाइटर जेट में तकनीकी खराबी या फिर क्रैश से पहले जान बचाने के लिए पायलट इस इजेक्शन सीट का इस्तेमाल करता है। अब तक दुनिया की चुनिंदा एविएशन कंपनियां इस तरह की सीट बनाती थी।
भारत के अधिकतर फाइटर जेट में मार्टिन-बेकर कंपनी की सीट है। डीआरडीओ की चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) ने 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर इस एस्केप-सिस्टम का ट्रायल किया। इस परीक्षण में कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन अनुक्रमण, पूर्ण एयरक्रू रिकवरी को मान्य किया गया है।
इस पूरे परीक्षण को ऑनबोर्ड और ग्राउंड आधारित इमेजिंग सिस्टम के माध्यम से कैप्चर किया गया। इसे भारतीय वायु सेना (IAF) और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन एंड सर्टिफिकेशन के अधिकारियों ने देखा। दुनिया के कुछ ही देश जैसे- अमेरिका, रूस और फ्रांस ही इतनी तेज गति वाले डायनामिक इजेक्शन परीक्षण कर सकते हैं। अब भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। इस परीक्षण से यह तय होता है कि असली उड़ान के समय पायलट की जान बचेगी या नहीं।
हाल में दुबई में भारत के स्वदेशी फाइटर जेट तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण एक पायलट की जान चली गई थी। ऐसे हादसों में पायलट की जान बचाने के लिए एस्केप सिस्टम ही आखिरी उम्मीद होता है। यह सिस्टम पायलट को खतरे की स्थिति में कुछ सेकंड में सुरक्षित बाहर निकाल लेता है।
यह भी पढ़ें: समंदर का ‘सिकंदर’ बनेगा भारत! पाताल में भी दुश्मन की पनडुब्बी बर्बाद कर देगा DRDO का ‘महाकाल’
Defence Research and Development Organization (DRDO) has successfully conducted a high-speed rocket-sled test of fighter aircraft escape system at precisely controlled velocity of 800 km/h- validating canopy severance, ejection sequencing and complete aircrew-recovery at Rail… pic.twitter.com/G19PJOV6yD — रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) December 2, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फाइटर जेट एस्केप सिस्टम के हाई-स्पीड रॉकेट स्लेज परीक्षण के सफल पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, एडीए, एचएएल और उद्योग जगत को बधाई दी है। मंत्री ने इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने अपनी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह तेजस और आने वाले AMCA जैसे लड़ाकू विमानों के लिए बहुत जरूरी सफलता है।