DeepFake तकनीक ने हमारी जिंदगी को सुविधाजनक बनाया है, लेकिन इसके नकारात्मक पहलू भी तेजी से सामने आ रहे हैं। (सौ. AI)
नवभारत टेक डेस्क: तकनीक ने हमारी जिंदगी को सुविधाजनक बनाया है, लेकिन इसके नकारात्मक पहलू भी तेजी से सामने आ रहे हैं। इनमें सबसे खतरनाक है डीपफेक तकनीक, जिसका उपयोग अब साइबर अपराधी कर रहे हैं। इस तकनीक से किसी व्यक्ति की छवि या वीडियो को आपत्तिजनक सामग्री में बदलकर उसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
विशेष रूप से महिलाओं की तस्वीरों और वीडियो का दुरुपयोग डीपफेक तकनीक के जरिए हो रहा है। इसका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग, बदनामी और झूठी खबरें फैलाने के लिए किया जा रहा है। राजनेताओं और सेलिब्रिटीज के फर्जी वीडियो बनाकर उनकी छवि को खराब करने के मामले भी सामने आए हैं।
यह तकनीक सिर्फ छवि खराब करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग फर्जी पहचान, वित्तीय धोखाधड़ी, और डिजिटल अपराध में भी हो रहा है।
1. निजी जानकारी साझा करने से बचें:
2. प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट करें:
3. साइबर सुरक्षा ऐप्स का इस्तेमाल:
4. अनजान लिंक से बचें:
5. साइबर क्राइम विभाग से संपर्क करें:
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डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए साइबर जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस पर नियंत्रण पाने के लिए कड़े कानून लागू करने चाहिए।