मुंबई: ड्रग माफिया ललित पाटिल की गिरफ़्तारी के बाद उसके बयान से महायुति सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। पाटिल ने अपने बयान में कहा है कि उसके धंधे में कई बड़े लोग शामिल हैं और वह इन सभी का पर्दाफाश करेगा। इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट की उपनेता सुषमा अंधारे (Sushma Andhare) ने आरोप लगाया था कि पाटिल को अस्पताल से भगाने के पीछे कैबिनेट मंत्री दादा भुसे (Dada Bhuse) और शंभूराज देसाई (Shambhuraje Desai) का हाथ है। उन्होंने इन दोनों नेताओं के नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग की है। अब इसके बाद यूबीटी के प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर शिंदे सरकार में दम है तो कैबिनेट मंत्री दादा भूसे और शंभूराजे देसाई से इस्तीफा लेकर दिखाए।
पाटिल तो सिर्फ एक मोहरा है
संजय राउत ने कहा कि ड्रग्स के काले कारोबार में ललित पाटिल सिर्फ एक मोहरा है। उन्होंने कहा कि इस गोरखधंधे में कई बड़े लोग शामिल हैं। राउत ने कहा कि राज्य के गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस इस पूरे मामले का राजनीति के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं। पाटिल के मुताबिक़ वह ससून अस्पताल से भागा नहीं था बल्कि उसे भगाया गया। सेना प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि आखिर पाटिल को भगाने के पीछे किसका हाथ है। आखिर किसके आशीर्वाद से पाटिल को अस्पताल में सारी सुख सुविधाएं मिल रही थी।
सुषमा अंधारे भी भड़की
डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि ललित पाटिल की गिरफ़्तारी के बाद ड्रग्स नेटवर्क का बड़ा खुलासा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद कई लोगों के मुंह बंद हो जाएगे। इस बयान के बाद ठाकरे गुट की उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस बोल रहे हैं कि बोलने वालों का मुंह बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि क्या यह चेतावनी है या धमकी है। अंधारे ने कहा कि क्या नवाब मलिक, अनिल देशमुख और संजय राऊत की तरह मुझे भी फसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को इस तरह की धमकी की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
आरोप साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा
कैबिनेट मंत्री शंभूराजे देसाई ने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप साबित होते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। मेरा ललित पाटिल से कोई संबंध नहीं है। वहीं कैबिनेट मंत्री दादा भुसे ने भी पाटिल प्रकरण में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है।