भोपाल: मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को राज्य का बजट पेश किया। बता दें मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगा। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने राज्य का बजट पेश किया। बजट के दौरान कांग्रेस विधायक सदन के वेल में आकर नारेबाजी करते रहे। इस बीच, देवड़ा ने बजट भाषण पढ़ना जारी रखा। देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश लक्ष्य हासिल कर रहा है। राज्य ने महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल किए हैं। यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की संकल्प है।
बजट के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया एप कू पर लिखा कि अनुसूचित जाति उप-योजना हेतु 19,020 करोड़ रुपये तथा अनुसूचित जनजाति उप-योजना के लिए 26,941 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। कर्मचारी कल्याण पर भी इस बजट का फोकस है। महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% कर दिया गया है।
Koo Appअनुसूचित जाति उप-योजना हेतु 19,020 करोड़ रुपये तथा अनुसूचित जनजाति उप-योजना के लिए 26,941 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। कर्मचारी कल्याण पर भी इस बजट का फोकस है। महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% कर दिया गया है। #MPBudget2022 #AatmaNirbharMPkaBudget– Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 9 Mar 2022
एक अन्य पोस्ट में शिवराज सिंह चौहान लिखा कि आज का यह बजट स्वास्थ्य पर भी केंद्रित है। जिला चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, वेलनेस सेंटरों के सुदृढ़ीकरण तथा इलाज के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान है।
Koo Appआज का यह बजट स्वास्थ्य पर भी केंद्रित है। जिला चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, वेलनेस सेंटरों के सुदृढ़ीकरण तथा इलाज के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान है। यह बजट वित्तीय प्रबंधन का भी एक उत्तम उदाहरण है। #MPBudget2022 #AatmaNirbharMPkaBudget– Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 9 Mar 2022
वहीं मंगलवार को जारी किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नया जीवन मिला है। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि विकास के प्रमुख जैसे क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य शिक्षा शहरी ग्रामीण अधों संरचना का उपयोग में निरंतर प्रगति हो रही है। सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान हर क्षेत्र में 10% की वृद्धि हुई है और नए 1130 कृषक उत्पादक संगठन का गठन किया जा चुका है।