योगेश कथुनिया (सौजन्यः एक्स)
पेरिस: पेरिस पैरालंपिक 2024 का आज पांचवां दिन है। जहां भारत को एक और मेडल मिला है। भारत के योगेश कथुनिया ने मेन्स डिस्कस थ्रो F56 इवेंट में रजत पदक जीता है। इसी के साथ भारत के खाते में यह आठवां मेडल आ गया है। जबकि तीसरा सिल्वर मेडल है। इससे पहले योगेश ने टोक्यो पैरालंपिक में भी सिल्वर मेडल जीता था।
पैरालंपिक में योगेश ने अपने पहले प्रयास में 42.22 मीटर का थ्रो किया, जो उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास रहा। इस गेम में ब्राजील के बतिस्ता डॉस सैंटोस क्लॉडनी ने गोल्ड मेडल जीता। बतिस्ता ने 46.86 के बेस्ट थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता है। बतिस्ता का ये थ्रो पैरालंपिक गेम्स के इतिहास में बेस्ट थ्रो रहा। वहीं ग्रीस के त्जौनीस कोंस्टैंटिनोस ने कांस्य पदक जीता।
Yogesh Kathuniya wins Silver Medal in Men’s Discuss Throw F56 for India at Paralympics 2024 👏 🥈 – Paris Paralympics 2024
🥈 – Tokyo Paralympics 2020 WELL DONE YOGESH 🇮🇳♥️ pic.twitter.com/7uiSkESFGJ — The Khel India (@TheKhelIndia) September 2, 2024
एफ 56 वर्ग में भाग ले वाले वाले खिलाड़ी बैठ कर प्रतिस्पर्धा करते है। इस वर्ग में ऐसे खिलाड़ी होते है जिनके शरीर के निचले हिस्से में विकार होता है और मांसपेशियां कमजोर होती है। कथुनिया नौ साल की उम्र में ‘गुइलेन-बैरी सिंड्रोम’ से ग्रसित हो गये थे। यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें शरीर के अंगों में सुन्नता, झनझनाहट के साथ मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और बाद में यह पक्षाघात (पैरालिसिस) का कारण बनता है।
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पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के पास 8 पदक हो गए हैं। जिसमें 1 स्वर्ण पदक 3 रजत और 4 कांस्य हैं। भारत अब पेरिस पैरालंपिक के अंक-तालिका में 30वें स्थान पर आ गया है। अंक तालिका में 76 पदक के साथ चाइना पहले स्थान पर है। ग्रेट ब्रिटेन 43 पदकों के साथ दूसरे और अमेरिका 33 मेडल्स के साथ तीसरे स्थान पर है।