2036 के लिए हिंदुस्तान की ओलंपिक में दावेदारी पर लगी रोक (फोटो- ANI)
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने 2036 के लिए मेजबान चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने की घोषणा की है। जिसका सीधा-सीधा मतलब हुआ कि भारत को इसकी मेजबानी में अपनी दावेदारी को जानने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। भारत को उम्मीद थी कि ऐसे बहु-प्रतिठित खेल को होस्ट करेगा, लेकिन अभी हमें इसकी आधिकारिक घोषणा के लिए इंतजार करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की नई अध्यक्ष कर्स्टी ने गुरुवार को साल 2036 की मेजबानी प्रक्रिया के लिए रोक लगाई। ऐसे में भारत की मेजबानी पर लगाई गई बोली के फैसले पर अभी समय लगेगा।
IOC के लिए कर्स्टी पहली महिला अफ्रीकी अध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कार्स्टी ने बताया कि मौजूदा सदस्यों के बीच प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन करने पर असहमति है।
कार्स्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि “IOC सदस्यों से भविष्य के मेजबान चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा करने और रोक लगाने के लिए भारी समर्थन मिला है। हम इस पर विचार करने के लिए एक कार्य समूह का गठन करेंगे। ऐसा दो मुख्य कारणों से हुआ है। सबसे पहले सदस्य इस प्रक्रिया में अधिक से अधिक शामिल होना चाहते हैं और दूसरा, इस बात पर काफी चर्चा हुई कि अगला मेजबान कब चुना जाना चाहिए।”
कर्स्टी ने इसके आगे बताया कि कार्यकारी साल 2036 में ओलंपिक मेजबानी से पहले बोर्ड के सदस्य चाहते हैं कि वो लॉस एंजिलिस 2028 ग्रीष्मकालीन खेल, ब्रिस्बेन 2032 ग्रीष्मकालीन खेल और फ्रेंच आल्प्स 2030 शीतकालीन खेल के अनुभव का अध्ययन करें। उन्होंने कहा इन सब बातों पर खूब चर्चा की गई कि भावी मेजबान का चुनाव करने का सही समय कब है। हमें मेजबाज का चयन किस आधार पर करना चाहिए।
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गौरतलब है कि पिछले साल 2024 में भारत ने साल 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए आशय पत्र दिया था। अब खेल सचिव हरि रंजन राव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अगले महीने इस बारे में बातचीत के लिए लुसाने जाने की योजना बना रहा है।