बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक के खिलाफ युवा पहलवानों का प्रदर्शन (Photo Credit: PTI)
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती (WFI) में जारी संकट में बुधवार को नया मोड़ आया जब सैकड़ों जूनियर पहलवान (Junior Wrestlers Protest) अपने कैरियर में एक महत्वपूर्ण साल बर्बाद होने के खिलाफ जंतर मंतर पर जमा हुए और उन्होंने इसके लिये शीर्ष पहलवानों बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया। बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे। इनमें से करीब 300 बागपत के छपरौली के आर्य समाज अखाड़े से थे जबकि कई नरेला की वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से भी थे। सुरक्षाकर्मियों को उन्हें काबू करने में काफी परेशानी हुई। ये पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
इन्होंने बैनर पकड़ रखे थे जिस पर तीनों पहलवानों की तस्वीरों के साथ लिखा था ,‘‘कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद, साक्षी , बजरंग और फोगाट।” भारी ठंड के बीच जूनियर पहलवान सुबह 11 बजे जंतर मंतर पहुंचे और तीन घंटे बाद यह चेतावनी देकर निकल गए कि अगर सरकार ने डब्ल्यूएफआई पर लगा प्रतिबंध दस दिन के भीतर नहीं हटाया तो वे अपने पुरस्कार वापिस देने लगेंगे।
Young wrestlers hold protest against Bajrang, Sakshi, Vinesh in Delhi, accusing them of "ruining" wrestling Read @ANI Story | https://t.co/f5ifFP94PW#WrestlersProtest #BajrangPunia #NewDelhi pic.twitter.com/52AWgNCabl — ANI Digital (@ani_digital) January 3, 2024
भारतीय कुश्ती महासंघ के नये पदाधिकारियों के चुनाव के तुरंत बाद राष्ट्रीय अंडर 15 और अंडर 20 चैम्पियनशिप गोंडा में कराने का फैसला किया गया जिसके बाद मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया और ये टूर्नामेंट भी रद्द हो गए। प्रदर्शनकारी पहलवानों में से कइयों के पास आखिरी बार जूनियर स्तर पर खेलने का मौका था।
बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक के खिलाफ युवा पहलवानों का प्रदर्शन (Photo Credit: PTI)
अर्जुन पुरस्कार प्राप्त और 2023 एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता ग्रीको रोमन पहलवान सुनील राणा ने कहा ,‘‘ अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो हम अपने अर्जुन पुरस्कार और अन्य पुरस्कार वापिस करना शुरू कर देंगे जैसे बजरंग और विनेश ने किया है।” मुजफ्फरनगर स्टेडियम के कोच प्रदीप कुमार ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के 90 प्रतिशत से अधिक अखाड़े इस प्रदर्शन में हमारे साथ हैं। एक तरफ सिर्फ तीन पहलवान है और दूसरी तरफ लाखों हैं। उन्होंने देश के लाखों पहलवानों का कैरियर खराब कर दिया।” उन्होंने कहा ,‘‘ इन लोगों के मन में राष्ट्रीय पुरस्कारों की कोई इज्जत नहीं है। उन्हें सड़क पर पटक रहे हैं।”
बजरंग और विनेश ने अपने सरकारी सम्मान लौटा दिये हैं। प्रदीप ने कहा ,‘‘ वे कहते आ रहे हैं कि उनकी लड़ाई महिला और जूनियर पहलवानों के लिये हें लेकिन उन्होंने लाखों के कैरियर बर्बाद कर दिया। उनका प्रदर्शन डब्ल्यूएफआई में शीर्ष पद पाने के लिये है। एक बार ऐसा होने पर उनका सारा प्रदर्शन बंद हो जायेगा।” करीब एक साल पहले जंतर मंतर पर ही ये तीनों शीर्ष पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर धरने पर बैठे थे।
बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक के खिलाफ युवा पहलवानों का प्रदर्शन (Photo Credit: PTI)
उस समय किसान समूहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, महिला संगठनों और पहलवानों ने इनका समर्थन किया था। जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतिस्पर्धायें ठप पड़ी है। डब्ल्यूएफआई दो बार निलंबित हो चुका है और तदर्थ समिति खेल का संचालन कर रही है। आर्य समाज अखाड़े के विवेक मलिक ने कहा ,‘ इन जूनियर पहलवानों का पूरा एक साल खराब हो गया। नये डब्ल्यूएफआई ने इन पहलवानों के भले के लिये फैसला लिया था जो जिला या प्रदेश स्तर की स्पर्धा भी नहीं खेल सके हैं।”
बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक के खिलाफ युवा पहलवानों का प्रदर्शन (Photo Credit: PTI)
उन्होंने कहा ,‘‘ नये महासंघ को भी निलंबित कर दिया गया। इसका चुनाव अदालत के निर्देशों के अनुसार हुआ था लेकिन इसे काम नहीं करने दिया गया। निलंबन हटना चाहिये और महासंघ को काम करने देना चाहिये।” इन प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मांग की है कि निलंबित डब्ल्यूएफआई को फिर बहाल किया जाये और तदर्थ समिति को भंग किया जाये। एक ज्ञापन में सुनील राणा, कोच नरेश दहिया, पहलवान निक्की और वरूण गुज्जर ने मांग की कि सरकार को इन तीनों पहलवानों की नहीं बल्कि पूरे कुश्ती समुदाय की सुननी चाहिये। (एजेंसी)