एस बद्रीनाथ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नवभारत स्पोर्ट्स डेस्क: भारत के एक ऐसे क्रिकेटर का जन्मदिन है, जिनका करियर भले ही ज्यादा लंबा न चल सका, लेकिन उनके खेल को आज भी लोग याद करते हैं। वह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि सुब्रमण्यम बद्रीनाथ हैं, जिन्हें एक समय मिस्टर डिपेंडेबल कहा जाता था। इस खिलाड़ी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में धूम मचाई थी। साथ ही आईपीएल में भी धमाल मचाया था। इतना टैलेंटेड होने के बावजूद वह भारत के लिए केवल 10 ही मुकाबले खेल पाए थे।
एस. बद्रीनाथ आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह अपने जमाने में काफी शानदार खिलाड़ी के रूप में जानें जाते थे। बद्रीनाथ जब बल्ला लेकर क्रीज पर खड़े होते थे तो विरोधी गेंदबाज नाथ से सनाथ होने की कामना करने लगते थे। हालांकि उनके फैंस को आज भी अफसोस है कि वह भारत के लिए ज्यादा मुकाबले खेल नहीं पाए।
एस. बद्रीनाथ भारत के वो खिलाड़ी बन सकते थे, जो टीम को कई बड़े मौकों पर जीत दिला सकते थे। लेकिन वह ज्यादा मैच नहीं खेल पाए। उन्होंने महज 7 वनडे, 2 टेस्ट और एक टी20 मैच खेले हैं। एस. बद्रीनाथ ने अपने टेस्ट के पहले ही मैच की पहली पारी में फिफ्टी लगाई थी। जबकि वऩडे में मैच विनिंग पारी और टी20 के डेब्यू मुकाबले में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
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एस. बद्रीनाथ फर्स्ट क्लास क्रिकेट के राजा हुआ करते थे। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 145 मैच खेले हैं। जहां उन्होंने 54.49 की औसत से 10245 रन बनाए हैं। इस दौरान एस. बद्रीनाथ ने 32 शतक भी लगाए हैं। वहीं लिस्ट ए में उन्होंने 144 मैच खेले हैं, जहां उन्होंने 36.84 की औसत से 4164 रन अपने नाम किए हैं।
एस. बद्रीनाथ को इस बात का हमेशा से मलाल रहा कि वह कभी रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाए। वह तमिलनाडु से खेला करते थे, लेकिन वह अपने खेलने के समय कभी भी अपनी टीम को ट्रॉफी नहीं दिला पाए। हालांकि टीम कई बार जीत के करीब पहुंची, लेकिन कभी सफल नहीं हो पाई। जिसका अफसोस उन्हें आज भी होता है।
इतने शानदार खिलाड़ी होने के बावजूद एस. बद्रीनाथ अपना खेल करियर को यादगार नहीं बना पाए। एस. बद्रीनाथ ने 2008 से लेकर 2013 तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेला। जहां उन्होंने 95 मुकाबलों में 1441 रन बनाए, जिसमें 11 अर्धशतक भी शामिल है। लेकिन फिर 2014 की नीलामी में उन पर किसी भी टीम ने दांव नहीं लगाया।
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एस. बद्रीनाथ ने अपने 38वें जन्मदिन पर यह फैसला लिया था कि वह क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। इसके पीछे उन्होंने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना वजह बताया था। टीम इंडिया के लिए भले ही वह ज्यादा मुकाबले नहीं खेल पाए, लेकिन फिर भी उन्होंने बहुत नाम कमाया। आज भी लोग उनके शानदार खेल को याद करते हैं।