केशव महाराज (फोटो- सोशल मीडिया)
Pakistan vs South Africa 2nd Test: पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला रावलपिंडी में खेला गया। इस मैच में मेहमान टीम साउथ अफ्रीका ने पाकिस्तान को 8 विकेट से मात दी। इस जीत के साथ ही सीरीज 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुई। खास बात यह है कि साउथ अफ्रीका को पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट जीत के लिए 18 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। इससे पहले दक्षिण अफ्रीकी टीम ने पाकिस्तान को साल 2007 में टेस्ट मैच में हराया था।
इस मैच में साउथ अफ्रीका के स्पिन गेंदबाज केशव महाराज ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। पहली पारी में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 7 विकेट चटकाए और दूसरी पारी में भी 2 विकेट अपने नाम किए। कुल मिलाकर उन्होंने मैच में 9 विकेट हासिल किए। उनके इस शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। महाराज की गेंदबाजी ने पाकिस्तान की बल्लेबाजी को पूरी तरह दबा दिया और साउथ अफ्रीका की जीत में अहम भूमिका निभाई।
Fantastic win for #Proteas to level the series 1-1 even on a spinning surface 🏏
At one point Pak expecting lead of 70-80 runs…..but SA lower order turn the table with 170 runs added for last 2 wkts….hence Pak 2nd inning was disaster under pressure#PAKvSA #RawalpindiTest pic.twitter.com/ecNgvKHthk — Muhammad Jafar (@jaf_hk) October 23, 2025
पहली पारी में पाकिस्तान ने बल्लेबाजी करते हुए 333 रन बनाए। इस पारी में कप्तान शान मसूद ने सबसे ज्यादा 87 रन बनाए। जवाब में साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 404 रन बनाकर विपक्षी टीम पर बढ़त हासिल कर ली। साउथ अफ्रीका की पारी में सेनुरन मुथुसामी ने 89 और कागिसो रबाड़ा ने 71 रनों की शानदार पारी खेली। इन योगदानों की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में पाकिस्तान पर 71 रन की बढ़त ले ली।
दूसरी पारी में पाकिस्तान की टीम 138 रन पर ही ढेर हो गई। इसके बाद साउथ अफ्रीका ने सिर्फ 73 रन बनाकर मैच जीत लिया। इस तरह 18 साल बाद दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान को टेस्ट में मात दी। केशव महाराज की गेंदबाजी, मुथुसामी और रबाड़ा के रन, और पूरी टीम की रणनीति ने साउथ अफ्रीका की जीत को आसान बनाया।
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इस जीत से साउथ अफ्रीका ने न केवल पाकिस्तान के खिलाफ लंबे समय से चली आ रही हार की घातक परंपरा को तोड़ा, बल्कि टीम के खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाया। खासकर केशव महाराज जैसे युवा खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन टीम के लिए भविष्य में और भी उत्साहजनक संकेत देता है। रावलपिंडी में मिली यह ऐतिहासिक जीत दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट फैंस के लिए यादगार बन गई है और खिलाड़ियों के करियर में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गई है।