मनसुख मांडविया (फोटो-सोशल मीडिया)
Mansukh Mandaviya Felicitates Indian Women’s Blind Cricket Team: भारतीय महिला ब्लाइंड टीम ने टी20 वर्ल्ड कप फॉर ब्लाइंड का खिताब अपने नाम किया। भारतीय महिला टीम ने नेपाल को हराकर ब्लाइंड वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। यह टूर्नामेंट पहली बार आयोजित किया गया था। जिसमें 6 टीमों ने हिस्सा लिया था।
खिताब जीतने के बाद भारत पहुंची ब्लाइंड टीम का जोरदार स्वागत किया गया है। कर्नाटक पहुंचते ही पहले बीजेपी कर्नाटक अध्यक्ष और विधायक बी. वाई. विजयेंद्र ने सम्मानित किया। उसके बाद अब खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों को पहला ब्लाइंड टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीतने पर मंगलवार को अपने आवास पर सम्मानित किया।
मांडविया ने खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने देश को गौरवान्वित किया है। उनकी जीत दिव्यांग खिलाड़ियों और देश का नाम रोशन करने वाले हर किसी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। ब्लाइंड क्रिकेट टीम की यह जीत भारतीय महिला टीम की वनडे विश्व कप में पहली जीत के तुरंत बाद आई है।
नए भारत की नारी शक्ति! ब्लाइंड T20 वर्ल्ड कप विश्व विजेता भारतीय महिला टीम से मिलकर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। pic.twitter.com/cVEzrYTrAw — Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) November 25, 2025
भारतीय टीम की कप्तान दीपिका टीसी ने कहा कि खेल मंत्री मांडविया के शब्द न केवल हमें, बल्कि दृष्टिबाधित समुदाय की और भी महिलाओं को खेलों को करियर के रूप में अपनाने और देश को गौरवान्वित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। भारतीय महिला टीम रविवार को कोलंबो में हुए फाइनल में नेपाल को सात विकेट से हराकर चैंपियन बनी। भारत छह टीमों के इस टूर्नामेंट में अपराजित रहा।
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वहीं इससे पहले कप्तान दीपिका ने कहा था कि हमें भारत को खिताब जिताकर बेहद खुशी है। पूरी टीम ने एकसाथ मिलकर शानदार प्रदर्शन किया है। इन खिलाड़ियों ने अपनी जिंदगी में काफी मेहनत की है। यह हमारे लिए गर्व का पल है। पीएम मोदी ने हमें जीत पर बधाई दी, जिसकी हमें बेहद खुशी है।
रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में नेपाल की टीम निर्धारित 20 ओवरों में 5 विकेट खोकर 114 रन ही बना सकी। इस टीम के लिए विमला रानी ने 26 रन बनाए, जबकि सरिता घिमिरे ने 35 रन की पारी खेली। इसके जवाब में भारत ने महज 12.1 ओवरों में मुकाबला जीत लिया। टीम के लिए फुला सरेन ने नाबाद 44 रन बनाए, जबकि करुणा ने 42 रन की पारी खेली। इनके अलावा, बसंती हांसदा ने 13 रन का योगदान टीम के खाते में दिया। इस पूरे टूर्नामेंट में भारत ने एक भी मुकाबला नहीं गंवाया।