आयुष म्हात्रे (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: आईपीएल 2025 में कई युवा खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। वैभव सूर्यवंशी ने 35 गेंदों पर शतक बनाकर सभी को हैरान कर दिया। वहीं इस सीजन के 52वें मुकाबले में आयुष म्हात्रे ने 94 रनों की पारी खेलकर सुर्खियों में बन गए। आयुष म्हात्रे की इस पारी के बाद चेन्नई सुपर किंग्स ने कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा भारतीय क्रिकेट का भविष्य काफी मजबूत दिख रहा है।
चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ दो रन से मिली करीबी हार के बाद एक दिलचस्प टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे अब अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत का सामना करने वाली टीमों की चिंता हो रही है। फ्लेमिंग ने यह बात थोड़े चुटीले अंदाज में कही लेकिन आईपीएल के मौजूदा सत्र में वैभव सूर्यवंशी और आयुष म्हात्रे जैसे युवा सितारों ने उम्र को बौना साबित करते हुए जो निडरता और परिपक्वता दिखाई है उससे भारतीय क्रिकेट का भविष्य काफी मजबूत दिखता है।
स्टीफन फ्लेमिंग ने म्हात्रे की तारीफ करते हुए कहा कि जब उन्होंने ट्रायल दिया, तो हम उनके संयम और तकनीकी क्षमता से बेहद प्रभावित हुए। शॉट खेलने की काबिलियत होना जरूरी है, लेकिन बड़े मंच पर धैर्य बनाए रखना और टीम की रणनीति को सही ढंग से अंजाम देना उससे भी अधिक अहम है।
म्हात्रे की बल्लेबाज़ी की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि वे पूर्व-निर्धारित शॉट्स नहीं खेल रहे थे। वह परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी कर रहे थे। 15वें ओवर में भुवनेश्वर की ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर लगाया गया एक्स्ट्रा कवर छक्का उनके संतुलन और शानदार हाथ-आंख समन्वय का परिचायक था। म्हात्रे ने 48 गेंद में 94 रन की पारी खेल कर आरसीबी के खिलाफ चेन्नई के लिए जीत का मंच तैयार कर दिया था हालांकि उनकी टीम दो रन से पीछे रह गयी। महात्रे की इस पारी ने प्रशंसकों को कुछ दिन पहले सूर्यवंशी की 35 गेंद में खेली गयी शतकीय पारी की याद दिला दी।
वैभव सूर्यवंशी ने भी हाल ही में गुजरात टाइटंस के खिलाफ विस्फोटक पारी खेली थी और अपने प्रदर्शन से न सिर्फ दर्शकों को बल्कि राजस्थान के कोच राहुल द्रविड़ को भी प्रभावित किया था। द्रविड़ ने कहा था कि उसकी बैट स्पीड कमाल की है, बैक लिफ्ट बेहतरीन है और सबसे अहम बात यह कि वह गेंद की लेंथ को तुरंत पढ़ लेता है। उसका हाथ-आंख समन्वय शानदार है।
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फ्लेमिंग ने महात्रे और सूर्यवंशी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें निडर होकर खेलते देखना अद्भुत है। यह मायने नहीं रखता कि आप 14, 18 या 21 साल के हैं। इन दोनों युवाओं की पारियां असाधारण रही हैं। यह उनके खेल में मौजूद परिपक्वता को दर्शाता है। मुझे लगता है कि दुनियाभर के गेंदबाज़ों के लिए इन दोनों से निपटना एक बड़ी चुनौती होगा।”