क्रिकेट की निगरानी करने वाली संस्था ने बुधवार को यह सज़ा दी, जो एक स्वतंत्र अनुशासन पैनल (Cricket Discipline Panel – CDP) के फैसले के बाद तय की गई। कोच का नाम स्वास्थ्य संबंधी असाधारण परिस्थितियों के चलते सार्वजनिक नहीं किया गया है।
क्या हैं आरोप?
फैसले के मुताबिक यह घटनाएं 2023 की गर्मियों और 2024 की शुरुआत के बीच की हैं। कोच ने क्लब की दो महिला कर्मचारियों को कई बार अश्लील संदेश और तस्वीरें भेजीं, जिनमें उसके प्राइवेट पार्ट की तस्वीरें भी शामिल थीं। इतना ही नहीं, उसने एक कर्मचारी को चेंजिंग रूम में बुलाकर चूमने की कोशिश भी की।
एक पीड़िता ने बताया कि उसने अश्लील तस्वीरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, इसके बावजूद कोच ने उसे दो और तस्वीरें भेजीं। दूसरी घटना में कोच ने कचरा देखने के बहाने पीड़िता को चेंजिंग रूम में बुलाया और उसे जबरन चूमने की कोशिश की, जिससे वह पीछे हट गई।
पैनल ने बयान में क्या कहा?
निर्णय में कोच के व्यवहार की कड़ी निंदा की गई। पैनल ने कहा कि कोच की उम्र और उसके उच्च पद को देखते हुए स्थिति में साफ तौर पर उसका पक्ष भारी था। उसने जो गलत व्यवहार स्वीकार किया है, उसका न तो आधुनिक समाज में और न ही क्रिकेट के माहौल में कोई स्थान है। क्रिकेट में किसी भी रूप में हिस्सा लेने वाली महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल मिलना चाहिए।
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इस घटना के बाद कोच को काउंटी क्रिकेट क्लब से बर्खास्त कर दिया गया है और उसने तब से दोबारा क्रिकेट में काम नहीं किया है। फिलहाल वह प्रोफेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सहायता ले रहा है।
यह मामला पिछले साल के एक अन्य कोच के मामले से अलग है, जिसमें एक और गुमनाम काउंटी कोच को इसी तरह के गलत व्यवहार के लिए बैन किया गया था। क्रिकेट रेगुलेटर के मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस हॉवर्ड ने कहा कि यौन दुव्यवहार से निपटना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने यह भी साफ किया कि खेल के माहौल को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।