बेंगलुरु चिन्नास्वामी स्टेडियम (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: आईपीएल का खिताब पहली बार रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु ने जीता था। लेकिन जीत के बाद विजय जश्न ने इस जीत को फीका कर दिया। टीम की जीत के बाद बेंगलुरु में एक बड़ा जश्न मनाया गया, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी। इसी दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून 2025 को भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई। वहीं लगभग 60 लोग घायल हो गए। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के लोकपाल और आचरण अधिकारी, रिटायर्ड जज अरुण मिश्रा ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ को नोटिस भेजा है और 4 हफ्तों के अंदर लिखित जवाब देने को कहा है। एक सीनियर आईपीएस अधिकारी विकास कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है कि इस भगदड़ की वजह से 11 लोगों की मौत हुई और इसमें आरसीबी और केएससीए की लापरवाही थी।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि घटना बहुत गंभीर है। इसलिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो शिकायतकर्ता (विकास कुमार) को जवाब देने के लिए 10 दिन का समय मिलेगा।
कुछ खबरों के अनुसार, RCB को बेचने की बातचीत चल रही है। आशंका जताई जा रही है कि मौजूदा मालिक इस घटना की जिम्मेदारी से बचने के लिए टीम को बेचने की कोशिश कर सकते हैं। लोकपाल ने कहा कि इस बीच टीम के स्वामित्व को लेकर “यथास्थिति” बनी रहनी चाहिए, यानी किसी तरह का बदलाव न हो।
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हाल ही में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने कहा था कि RCB इस भारी भीड़ के लिए जिम्मेदार है, जिसकी वजह से 11 लोगों की मौत हुई। साथ ही न्यायाधिकरण ने आईपीएस अधिकारी विकास कुमार का निलंबन रद्द कर दिया, जिन्हें हादसे के बाद कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद विकास कुमार ने कर्नाटक सरकार के फैसले को चुनौती दी थी।