Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • होम
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

निशानेबाज: रेवड़ी बांटते हो, जजों को नहीं देते सैलरी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई नेताओं को खरी-खरी

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के नेताओं को मुफ्त रेवड़ी बांटने के लिए फटकार लगाई है। इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने जजों की पीड़ा भी बयां कर दी। जिस पर निशानेबाज ने भी निशाना लगाया है।

  • By मृणाल पाठक
Updated On: Jan 10, 2025 | 12:52 PM

कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए खरी-खरी सुना दी। जजों ने कहा कि लोगों को मुफ्त की सुविधाएं या खैरात बांटने के लिए राज्यों के पास पर्याप्त पैसे हैं लेकिन जब जजों को सैलरी और पेंशन देने की बात आती है तो सरकारें कहती हैं कि वित्तीय संकट है। कोई 2,100 तो कोई 2,500 रुपए देने का वादा कर रहा है लेकिन न्यायाधीशों को देने के लिए पैसे नहीं हैं।’’

हमने कहा, ‘‘यह समस्या सचमुच काफी गंभीर है। जिला व सत्र न्यायाधीश जब रिटायर होते हैं तो उन्हें 15,000 रुपए की बेहद मामूली पेंशन दी जाती है। कभी सरकारी तिजोरी खाली होने का बहाना करते हुए वेतन और पेंशन अटका भी दिए जाते हैं। देशवासियों को इंसाफ देनेवाले जजों के साथ इतनी बड़ी नाइंसाफी हो रही है। ऐसे में वे जाएं तो जाएं कहां? समझेगा कौन उनके दिल की जुबां!’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ‘‘नेताओं के लिए लाड़ली बहना, लाड़ला भाई हो सकता है लेकिन लाड़ला जज नहीं हो सकता! लुभावने वादों के मकड़जाल में फंसकर जनता भेड़-बकरी के समान नेताओं को भरपूर वोट दे सकती है लेकिन जज से तो सिर्फ जजमेंट ही मिल सकता है। कोई भ्रष्ट नेता यदि अदालत के कठघरे में आया तो जज उसकी तीखे शब्दों में जमकर खबर लेते हैं। नेताओं की दूकानदारी वोट के भरोसे चलती है। जजों को किसी के वोट की जरूरत नहीं पड़ती। नेताओं का जनता से प्रेम बनावटी और स्वार्थ की चाशनी में डूबा रहता है। रामायण में लिखा है- सुर, नर, मुनि सबकी यह रीति, स्वारथ लाग करें सब प्रीति।”

नवभारत विशेष से संबंधित ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ‘‘इसका मतलब यह है कि देवता, मनुष्य और ऋषि-मुनि सब अपने मतलब के लिए प्रेम जताते हैं। राज्यों के नेता खजाना खाली होने पर भी कर्ज या ओवरड्राफ्ट लेंगे लेकिन मतदाताओं को रेवड़ी जरूर बांटेंगे। मुफ्त में रकम मिले तो लोग गरीबी, बेरोजगारी के ज्वलंत मुद्दे उठाना बंद कर देते हैं। मुफ्त का अनाज मिलने पर आधा खाते और आधा बेचकर नकद पैसे जुटा लेते हैं। भ्रष्टाचारी और चोर किस्म के नेता को मुफ्तखोर मतदाता ही पसंद आते हैं। यह उनका आपसी एग्रीमेंट है जिसमें किसी जज का जजमेंट नहीं चलता।’’

लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा

You distribute freebies do not pay salaries to judges supreme court reprimanded politicians

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jan 10, 2025 | 12:52 PM

Topics:  

  • Supreme Court

सम्बंधित ख़बरें

1

अरावली पर मचा कोहराम…तो भूपेन्द्र ने थामी लगाम, बोले- भ्रम फैला रहे यूट्यूबर, जानिए क्या है सच्चाई

2

अजमेर दरगाह पर भेजी गई PM मोदी की चादर पर रोक की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

3

मंत्री पद गया लेकिन विधायकी रहेगी बरकरार, माणिकराव कोकाटे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, सजा पर रोक

4

नहीं रहेगी अरावली तो पाकिस्तान में होगी राजस्थान के हिस्से की बारिश, बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे लोग

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.