Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

नवभारत विशेष: बच्चों की जिंदगी के बारे में क्यों नहीं सोचते ट्रंप ?

Donald Trump: युद्ध विराम का श्रेय ले रहे ट्रंप इस बात का कभी कोई कदम क्यों नहीं उठाते कि रूस-यूक्रेन के युद्ध में हजारो बच्चे मारे गए या घायल हुए है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Oct 14, 2025 | 02:29 PM

नवभारत विशेष (डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डिजिटल डेस्क: जिस शांति के नाम पर डोनाल्ड ट्रंप नोबल प्राइज मांग रहे थे, उसके पीछे हुए युद्ध में कितने बच्चे अनाथ हो गए या मारे गए, इसके लिए कोई चिंतित नहीं है। युद्ध के दौरान कितने बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो गई, इस बात पर कहीं बहस तक नहीं हो रही है। नोबल की चाह रखने वाले ट्रंप ने बच्चों के लिए कभी कोई स्पेशल आर्थिक पैकेज दिया है, उनकी समस्या कैसे खत्म हो इस पर किसी राष्ट्र से बात की हो या फिर राष्ट्राध्यक्षों को यह कहा हो कि वह बच्चों के स्कूल या अस्पताल के आसपास हमला नहीं करें? दुनिया का हाल बहुत खराब है। युद्ध विराम का श्रेय ले रहे ट्रंप इस बात का कभी कोई कदम क्यों नहीं उठाते कि रूस-यूक्रेन के युद्ध में हजारो बच्चे मारे गए या घायल हुए। इजराइल-हमास के बीच चल रही जंग में 20,000 से अधिक बच्चे मारे गए और कम से कम इतने ही घायल हैं। पूरी दुनिया इस बात से परेशान है कि डिजिटल स्कैम बढ़ रहे हैं, लेकिन सिवाय एक-दो उपाय के अतिरिक्त कोई ऐसा काम नहीं हो रहा, जिससे दुनिया के बच्चे साइबर क्रिमिनलों की साजिशों के शिकार नहीं हों। तस्करी के लिए बच्चों को किडनैप करना, उनसे भीख मंगवाना, तस्करी में उनका उपयोग करना, अब ये सब बातें चिंता का सबब नहीं रहीं।

हालात ये हैं कि अब बच्चे पूरी दुनिया में कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। इंटरनेट बच्चों की जिंदगी को लील रहा है।विस्थापन और पलायन की पीड़ाः बच्चों की जिंदगी सबसे अधिक युद्ध क्षेत्रों में नारकीय हो चुकी है। जब भी कहीं, किसी पर हमला होता है, तो उस क्षेत्र में बच्चों को अपने माता-पिता और संरक्षकों के साथ पलायन करना पड़ता है। ऐसे में बिना युद्ध का हिस्सा हुए भी बच्चे विस्थापन और पलायन की पीड़ा क्या होती है, वो भुगत रहे होते हैं। युद्ध के डर और उससे उपजी समस्याओं-बीमारियों के कारण इन इलाकों के बच्चों का स्वास्थ्य युद्ध जैसी स्थितियों का हो जाता है। वह हिंसा के उस घिनौने रूप से रूबरू होते हैं और यह बात उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए भावनात्मक संकट का शिकार बना डालती है। इसके नुकसान स्वरूप बच्चे न सिर्फ गरीबी झेलते हैं बल्कि शिक्षा से भी वंचित रहते हैं और मासूमियत तो बचपन में ही उनसे हमेशा के लिए छिन जाती है।

बच्चों की मुसीबतें कितनी ज्यादा हैं अगर यह देखना है, तो गाजा या फिर किसी दूसरे युद्ध क्षेत्र में वितरित होने वाले भोजन या दवाओं के समय मचने वाली भगदड़ और छीना-झपटी के दृश्यों को देखिए। बेघर हुए बच्चों के पालनहार जब जिंदगी की जद्दोजहद में व्यस्त होते हैं, उसी समय घात लगाए बैठे शिकारी बच्चों को यौन हिंसा का शिकार बना डालते हैं। युद्धग्रस्त क्षेत्रों में सबसे बुरी हालत बच्चों की होती है। उस पर तुर्रा यह कि शांति के प्रयास के लिए नोबल की मांग हो या फिर युद्ध रुकवाने का श्रेय लेने की बात हो, रोज-रोज ये बातें बहस का विषय बनती हैं। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया के करीब तीस करोड़ बच्चे दुरावस्था में हैं। इनके पास जीने के लिए जो मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए, वह नहीं हैं। ऐसे में दुनिया को एक आदर्श नागरिक की जगह ये अपराधी बच्चे मिल रहे हैं। स्कूलों की टूटती छतें, मिलने वाले भोजन में मरी छिपकलियां और कीड़ों का मिलना आखिर किस बात का द्योतक हैं? अस्पतालों में जब उन्हें दवा की जगह जहर मिलता है, तो यह जिम्मेदारी किसकी होती है, मां-बाप की या उस जिम्मेदार सरकार की, जो खुद को देश का पालनहार समझती है?

ये भी पढ़ें–  नवभारत विशेष के लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें 

युद्ध में 20,000 से ज्यादा मारे गए

जब भी कहीं, किसी पर हमला होता है, तो उस क्षेत्र में बच्चों को अपने माता-पिता और संरक्षकों के साथ पलायन करना पड़ता है। ऐसे में बिना युद्ध का हिस्सा हुए भी बच्चे विस्थापन और पलायन की पीड़ा क्या होती है, वो भुगत रहे होते हैं। युद्ध के डर और उससे उपजी समस्याओं-बीमारियों के कारण इन इलाकों के बच्चों का स्वास्थ्य युद्ध जैसी स्थितियों का हो जाता है। वह हिंसा के उस घिनौने रूप से रूबरू होते हैं और यह बात उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए भावनात्मक संकट का शिकार बना डालती है।

लेख- मनोज वाष्णेय के द्वारा

Why doesnt trump think about the lives of children

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 14, 2025 | 02:29 PM

Topics:  

  • 5G Internet Service
  • America
  • Donald Trump

सम्बंधित ख़बरें

1

कौन चला रहा है पूरी दुनिया… ये है 2025 की सबसे ताकतवर देशों की लिस्ट, भारत किस स्थान पर?

2

Year Ender 2025: पेरिस एग्रीमेंट से…टैरिफ हथियार बनाने तक, ट्रंप के 5 फैसले, जिससे हिल गई दुनिया

3

जेलेंस्की का हु्क्का-पानी बंद करेगें ट्रंप? पीस प्लान न पढ़ने पर नाराज, ट्रंप Jr. ने कहा भ्रष्टाचारी

4

ट्रंप का समझौता फेल…फिर शुरू हुआ बारूदी खेल, एशिया में जंग का आगाज

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.