(डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, नई सरकार आने से सेंसेक्स में सनसनी है। शेयर बाजार हो या शेर का शिकार, दोनों रिस्की हैं। मामला बिगड़ा तो दोनों आदमखोर हो जाते हैं। शिकार में हांका लगाना पड़ता है जोरों का शोरगुल मचाकर और ढोल पीटकर शेर को उत्तेजित कर बाहर निकाला जाता है। शेयर मार्केट में चिल्लाते-चिल्लाते ब्रोकर का गला आरडी बर्मन की कर्कश आवाज में बदल जाता है और बाद में बैठ जाता है। आपने अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की फिल्म ‘गुरू’ में देखा होगा कि शेयर मार्केट के दलाल भारी भीड़ के बीच किसी बिल्डिंग की सीढि़यां चढ़ते हैं और फिर एक दूसरे की ओर हाथ चमकाकर जोरों से चिल्लाते हैं।’’
हमने कहा, ‘‘जो चिल्ला न सके वह शेयर को कैसे ऊपर उठाएगा? शेयर पर ध्वनि प्रभाव विषय पर शोध की जा सकती है। शेयर मार्केट का शातिर दलाल नया इश्यू, अंडरराइटिंग, लिवाली, तेजड़िए, मंदड़िए की अनोखी भाषा बोलता है जिसे देश के मुफ्त का राशन खानेवाले 80 करोड़ लोग समझ नहीं पाते। फुटपाथ पर बगैर किसी मैट के सोनेवाला गरीब डी-मैट अकाउंट के बारे में क्या जाने? अनुभवी दलाल सीएनबीसी आवाज या जी बिजनेस जैसे टीवी के चैनल पर बुल और बीयर पर बहस करता है और लोगों को सांकेतिक टिप्स देता है। वह इस बात से नहीं डरता कि बीयर या भालू कहीं नोच न ले अथवा बुल आ बैल मुझे मार की नौबत न ला दे।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, एक समय था जब शेयर मार्केट का सुपर स्टार हर्षद मेहता था। उसने ताश के महल के समान बगैर नींव का साम्राज्य खड़ा किया था जिसे बेमौसमी मंदी के झोंके ने ढहा दिया था। तब 600 करोड़ की माया देखते ही देखते लुप्त हो गई थी। खुद डूबा और दूसरों को भी डुबाया। एक अन्य दलाल केतन पारेख का भी किस्सा दिलचस्प है।’’
हमने कहा, ‘‘तब से जमाना काफी आगे बढ़ चुका है। शेयर में सीधे इन्वेस्ट करने वालों के अलावा म्यूचुअल फंड में भी लोग पैसा लगा रहे हैं। एसआईपी भी अच्छा रिटर्न देता है। बाकी शहरों में तो सिर्फ मामूली सड़क है लेकिन मुंबई में मशहूर दलाल स्ट्रीट है।’’ लेख चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा