कुछ न कुछ रंग लाता नतीजा, राजनीति में चाचा-भतीजा (सौ. सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, हमें चाचा-भतीजे की राजनीति के बारे में बताइए। यह किन राज्यों में है और किन घरानों में चली आ रही है?’ हमने कहा, ‘भारत से लेकर अमेरिका तक चाचा को महत्व दिया गया है। सुपरपॉवर अमेरिका खुद का दुनिया का काका मानता है इसलिए उसे अंकल सैम कहते हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं। जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिवस 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहते थे।
फिर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी कलाम चाचा कहा जाने लगा। उनकी किताब ‘विंग्स ऑफ फायर’ पढि़ए तो जीवन में कर्मठ होने की प्रेरणा मिलेगी। धर्मेंद्र और डब्बू कहलानेवाले रणधीर कपूर की एक फिल्म का नाम ‘चाचा-भतीजा’ था। उसमें गीत था- बुरे काम का बुरा नतीजा, क्यों भाई चाचा, हां भतीजा।’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, रील लाइफ की बजाय रीयल लाइफ पर ध्यान दीजिए। राजनीति में चाचा-भतीजे कौन-कौन हैं इसका स्पेशल इंटेसिव रिवीजन या विशेष गहन पुनरीक्षण कीजिए।’ हमने कहा, ‘पहले महाराष्ट्र की बात करेंगे, फिर राष्ट्र की चर्चा करेंगे। शरद पवार की पार्टी उनके भतीजे अजीत पवार ने तोड़ दी। दोनों की अलग-अलग राकांपा है। ज्यादातर विधायक अजीत के साथ चले गए।
अजीत का अपने 85 वर्ष के अंकल से सवाल है- चचा, अब आपके पास क्या बचा? हम तो ले रहे हैं सत्ता का मजा!’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे ने अलग पार्टी मनसे बना ली लेकिन अभी मुंबई महापालिका चुनाव देखते हुए राज ठाकरे, उद्धव और शरद पवार ने हाथ मिला लिया है। आपसी स्वार्थ के फेविकाल से वह आपस में चिपक गए हैं। स्व। गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे अपने कारनामों से चर्चा में रहते हैं।’
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हमने कहा, ‘आप बिहार को क्यों नहीं निहार रहे? वहां पशुपति पासवान जैसे निर्दयी चाचा ने अपने भतीजे चिराग पासवान की पार्टी के 5 सांसद छीन लिए थे और चिराग को ‘चांडाल’ तक कह डाला था। बाद में पासा पलट गया। इस बार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने 19 सीटें जीत लीं। चाचा पशुपति ने भतीजे चिराग को खानदान का चिराग बताकर उनका अभिनंदन किया। चिराग ने भी कहा कि मैंने उनकी गाली को अपने लिए आशीर्वाद माना। कुछ भी हो, वह मेरे लिए बड़े और पितातुल्य हैं।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा