सरकार ऑपरेशन सिंदूर का सच साझा करे (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: हाल की एक अमेरिकी-चीनी रिपोर्ट (यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्यूरिटी रिव्यू कमीशन) ने जो अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रिपोर्ट पेश की है, उसके मुताबिक 7 से 10 मई 2025 के बीच चलाये गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को सैन्य सफलता मिली है, जिसके लिए चीनी हथियार प्रणालियां इस संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभा रही थीं।ऐसे ही दावे पाकिस्तान भी पिछले कई महीनों से करता रहा है।हैरानी की बात यह है कि अब उन्हीं दावों को कहीं न कहीं यह रिपोर्ट साथ दे रही है।इस रिपोर्ट में जो सबसे हंगामेदार बात है कि पाकिस्तान ने हवाई लड़ाकू विमानों, एयर टु एयर मिसाइलों और वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करके भारत को पराजित कर दिया है या पाकिस्तान पर हम पूरी तरह से जीत हासिल नहीं कर सके हैं।
निश्चित रूप से यह बात पूरी तरह से अतिरंजित लगती है और लगता है कि इस पैनल द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट का लक्ष्य आरोप प्रत्यारोप का मंच तैयार करना है।यूएससीसी की इस रिपोर्ट के बल पर अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उछलते घूम रहे हैं।अमेरिका ने उसकी सार्वजनिक पुष्टि कर दी है।ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि भारत सरकार इस रिपोर्ट के बारे में जो भी सच हो, उसे तथ्यों के साथ देश की जनता के सामने पेश करे।अगर यह रिपोर्ट भारत को किसी तरह से नीचा दिखाने की कोशिश है या विश्व मंच पर हमें डिमोरलाइज करने का तरीका है, तो सरकार को यह बात देश की जनता के समक्ष साफ करना चाहिए।
भारत की जनता न सिर्फ देशभक्त है बल्कि अत्यंत समझदार है।वह इस तरह की उकसाने की कोशिश को सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मुंहतोड़ जवाब देगी।इतना बड़ा आरोप लगाने वाली किसी रिपोर्ट को लेकर सरकार द्वारा इस तरह अनदेखी करना बहुत तरह के शक पैदा करती है।क्योंकि भारत देश जितना सरकार का है, उतना ही भारत की जनता का भी है।अगर वास्तव में ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि भारत को ऑपरेशन सिंदूर में आपेक्षित सफलता नहीं मिली थी या हमारे तीन लड़ाकू विमान इस ऑपरेशन के दौरान मार गिराये गए थे, तो इस चार दिवसीय संघर्ष की साफ साफ तस्वीर देश की जनता को पता होनी चाहिए.
अगर हम इस इन बड़े आरोपों को छुपाएंगे, तो देश की जनता का न सिर्फ भरोसा टूटेगा बल्कि उसे अपनी सैन्य क्षमताओं से भी विश्वास उठेगा और कोई भी दुश्मन देश यही चाहेगा।इसलिए जो भी सच है, सरकार संसद के शीत सत्र में प्रस्तुत करे, जिससे कि देश हकीकत से वाकिफ हो।यदि वास्तव में कोई कमी है, तो देश की जनता को यह जानना होगा ताकि भविष्य में हम ऐसी किसी भी संकट के समय पहले से ज्यादा ताकत के साथ तैयार रहें।ऐसी किसी भी रिपोर्ट को दबाना या छिपाना गलत होगा बल्कि खुलकर स्वीकार करना ही सही होगा।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने इस संघर्ष को अपनी हथियार प्रणालियों को परखने और प्रदर्शित करने के लिए इस्तेमाल किया, तो हमें उसके विश्वासघाती रवैये का संज्ञान लेना चाहिए।सरकार ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस बात का खुलासा किया था कि चीन न सिर्फ पाकिस्तान की सैन्य हथियारों के साथ मदद कर रहा था बल्कि एक सूचना युद्ध भी भारत के खिलाफ लड़ रहा था।यह चीन ही था, जो राफेल से लेकर हमारे दूसरे लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन सिंदूर में असफल साबित होने की अफवाहें उड़ा रहा था।ऐसे में इस रिपोर्ट की सच्चाई को छुपाना बेहद गलत होगा.
अगर वास्तव में हमारी सेनाओं से कुछ कमी भी रह गई होगी, तो देश की जनता की नजरों में उसका सम्मान कम नहीं होगा।क्योंकि जनता जानती है कि भारत की सेना बेहद देशभक्त और साहसी है।अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं कि भारत को 250 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी से उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच तथाकथित जंग रुकवाई.
लेख- लोकमित्र गौतम के द्वारा