Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Sonam Wangchuck |
  • Dussehra 2025 |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

मद्यनिषेध पर जोर नीतीश ने पीने वालों को कहा ‘महापापी’

  • By वैष्णवी वंजारी
Updated On: May 29, 2024 | 03:36 PM
Follow Us
Close
Follow Us:

अदालतें अपराध का फैसला करती हैं, पाप का नहीं! पाप और पुण्य की विचारधारा नैतिकता के सिद्धांतों से जुड़ी है, कानून से नहीं! आस्तिक लोग मानते हैं कि पाप और पुण्य का फैसला मरने के बाद ऊपरवाले की अदालत में होता है. यमलोक में पापी को कैसे-कैसे भयानक दंड दिए जाते हैं, यह गरुड़ पुराण में वर्णित है. फिलहाल यह विषय इसलिए संदर्भ रखता है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि जो लोग शराब पीते हैं, वो महापापी हैं. वे हिंदुस्तानी भी नहीं हैं. नीतीश ने स्पष्ट किया कि जो लोग मिलावटी शराब पीने से मर गए, उनके परिवारों को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी.

उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी पूरी तरह मद्यपान के खिलाफ थे. जो बापू की भावनाओं को नहीं समझ सकता, वह हिंदुस्तानी या भारतीय नहीं है. बिहार के 6 बार मुख्यमंत्री रह चुके नीतीश कुमार के लिए बेहतर होता कि वे अपने राज्य की मद्यनिषेध नीति पर चर्चा तक सीमित रहते. यह कहना मुख्यमंत्री का काम नहीं है कि कौन महापापी है! यह तो मॉरल पुलिसिंग हुई. बिहार में मद्यनिषेध नीति बुरी तरह विफल हुई है. वहां पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी होती है. अवैध मिलावटी शराब पीकर लोगों की मौत हुई या आंखों की रोशनी चली गई है. कानून-व्यवस्था व अदालतों पर भारी बोझ आया है.

जेलखाने ऐसे हजारों लोगों से भरे हुए हैं जो पहली बार शराब पीते पकड़े गए. गरीब आदमी जमानत नहीं दे सकता, न वकील खड़ा कर सकता है. पिछड़े वर्ग और आदिवासी समुदाय में शराब पीना बुरा नहीं माना जाता. नैतिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से शराब पीना सही नहीं है लेकिन जो व्यक्ति लंबे समय से शराब का आदी हो गया है, उसका दिमाग और हाथ-पैर बिना पिए चल ही नहीं सकते. इसीलिए स्वास्थ्य के आधार पर उनके लिए परमिट जारी किया जाता है.

इतनी राज्य सरकारें अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शराब की बिक्री की अनुमति दे रही हैं तो क्या वे भी नीतीशकुमार की राय में ‘महापापी’ हैं? जो नेता मद्यपान करते हैं, उनके बारे में नीतीश की क्या राय है? जहां भी मद्यनिषेध लागू किया गया, वहां अवैध शराब की बिक्री बढ़ी. यदि कोई व्यक्ति मिलावटी शराब पीकर मर जाए तो उसमें उसके परिवार का क्या कसूर है? उसके बेसहारा परिजनों को मानवीय आधार पर सहायता देना सरकार का कर्तव्य होना चाहिए. वैसे महात्मा गांधी ने यह भी कहा था कि पाप से घृणा करो, पापी से नहीं!

Nitish insists on prohibition calls those who drink mahapapi

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Apr 02, 2022 | 03:42 PM

Topics:  

  • Drink

सम्बंधित ख़बरें

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.