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निशानेबाज: खर्च करो होकर फीयरलेस, क्योंकि अब जमाना है कैशलेस

Navbharat Nishanebaaz in Hindi: धन कमाना पुरुषार्थ का प्रतीक है लेकिन कैशलेस ट्रांजेक्शन के चक्कर में फिजूलखर्ची होती है। व्यक्ति जरूरत से ज्यादा शॉपिंग करता है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Sep 20, 2025 | 12:40 PM

अब जमाना है कैशलेस (सौ. डिजाइन फोटो)

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नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, जबसे कैशलेस ट्रांजेक्शन शुरू हुआ है, हमारे पैसे ज्यादा खर्च होने लगे हैं। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ई-वालेट, मोबाइल एप से पेमेंट करने की आदत पड़ गई है। मकान का किराया भी हम क्रेडिट कार्ड से देते आए हैं। ऐसे में हमारी हालत घाटे की अर्थव्यवस्था जैसी हो गई है। ऑनलाइन शापिंग करते हैं सेंट-परसेंट, जेब पर भारी पड़ गया कैशलेस पेमेंट! जमकर करते हैं खरीदारी, भूल गए बचत की जिम्मेदारी!’

हमने कहा, ‘कैशलेस हो जाने से खुद को होपलेस मत समझिए। नई पीढ़ी बेफिक्री से खर्च करती है तो आप भी वैसा ही उत्साह दिखा रहे हैं। दौलत खर्च करने के लिए रहती है। नाव में पानी भरने पर दोनों हाथों से उलीचना चाहिए नहीं तो नाव डूब जाएगी। जरूरत से ज्यादा धन की बाढ़ आने पर उसे खटाखट खर्च कर डालना उचित है। शास्त्रों में कहा गया है कि धन की 3 अवस्थाएं होती हैं। या तो वह कंजूस का धन होकर बगैर इस्तेमाल किए तिजोरी में पड़ा रहता है या उसे चोर चुराकर ले जाते हैं। तीसरी अवस्था है उसे दान में दे डालो। दैत्यराज बलि और दानवीर कर्ण ने ऐसा ही किया था। कैशलेस ट्रांजेक्शन ने करेंसी को हाथ लगाए बगैर उसे खर्च करने का अवसर प्रदान किया है।’

पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, समाज में प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान बनाए रखने के लिए धन पास में रहना जरूरी है। नोटों पर गांधी दर्शन के साथ लक्ष्मीवंदन करते रहना चाहिए। धन कमाना पुरुषार्थ का प्रतीक है लेकिन कैशलेस ट्रांजेक्शन के चक्कर में फिजूलखर्ची होती है। व्यक्ति जरूरत से ज्यादा शापिंग करता है। जब नकदी का चलन था तो लोग सोच समझकर खर्च करता था।’ हमने कहा, ‘पुरानी बात भूल जाइए। आजकल सब कुछ सुविधाजनक हो गया है। बिजली-पानी के बिल या हाउस टैक्स भरने के लिए लंबी लाइन में खड़े रहने की जरूरत नहीं! घर या दफ्तर से स्कैन कर ऑनलाइन पेमेंट कर दीजिए। भूख लगी है तो जोमैटो, स्विगी से चंद मिनटों में मनचाहा खाना मंगा लीजिए।

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सब्जी से लेकर किराना तक ऑनलाइन खरीदिए। ई-बैंकिंग की आदत डालिए तो बैंक जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। जीवन बेहद सरल हो जाएगा।’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, लोकतंत्र को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन वोटिंग चालू होनी चाहिए। मनपसंद उम्मीदवार का क्यूआर कोड स्कॅन कर ओटीपी नंबर डाल कर घर बैठे मतदान हो सकता है। इससे चुनाव खर्च बचेगा। नेता भी बड़ी रैली करने की बजाय ऑनलाइन प्रचार करें और मतदाताओं को ऑनलाइन मुफ्त उपहार भेज दिया करें।’

लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा

Navbharat nishanebaaz wastage of money due to cashless transactions

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Published On: Sep 20, 2025 | 12:40 PM

Topics:  

  • Banking System
  • Cashless Transactions
  • Online Banking
  • Special Coverage

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