जानिए गौतम बुद्ध के विचार ( Social Media)
सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: 23 मई, गुरुवार के दिन ‘बुद्ध पूर्णिमा’ (Buddha Purnima 2024) का पावन पर्व मनाया जाएगा। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध न केवल भारत में बल्कि, पूरे विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में राजपाट त्याग कर साधना का रास्ता अपना लिया था और वन को चले गए थे। महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन में कई लोगों को अहिंसा और करुणा का रास्ता दिखलाया। ऐसे में आइए जानें तिथि और शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उनके अनमोल विचार।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा की तिथि 22 मई, 2024 दिन बुधवार को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 23 मई, 2024 दिन गुरुवार शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व 23 मई, 2024 को मनाया जाएगा।
पूजन नियम
-बुद्ध पूर्णिमा पर भक्त अपने दिन की शुरुआत अपने घरों की सफाई के साथ करते हैं।
-इसके बाद कुछ लोग गंगा स्नान व घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाते हैं।
-फिर पूरे घर के चारों ओर गंगाजल छिड़कते हैं।
-इसके बाद एक मोमबत्ती या फिर दीपक जलाते हैं और अपने घरों को फूलों से सजाते हैं।
-प्रवेश द्वार के सामने हल्दी, रोली या कुमकुम से एक स्वस्तिक बनाते हैं।
-बोधि वृक्ष के पास दूध डालते हैं।
-इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को भोजन और कपड़े का दान करते हैं।
-इस दिन साधक तामसिक चीजों से दूर रहते हैं। इस दिन भूलकर भी किसी असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए।
गौतम बुद्ध के अनमोल विचार
-घृणा को कभी भी घृणा से समाप्त नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है। दुनिया की हर बड़ी चीजों को प्रेम से जीता जा सकता है।
-जो बीत गया उसमें उलझे नहीं रहना चाहिए और न ही भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहना चाहिए। यदि हम खुशी से रहना चाहते हैं, तो इसके लिए हमें वर्तमान में ही जीना चाहिए।
-गौतम बुद्ध कहते हैं कि चाहे कोई व्यक्ति कितनी भी किताबें पढ़ लें, या फिर कितने भी अच्छे प्रवचन सुन लें, उनका लाभ तब तक नहीं मिलता, जब तक कि आप उन्हें अपने जीवन में नहीं अपनाते।
-खुश रहने का एक तरीका है कि आपके पास जो है, उसे कभी बढ़ा-चढ़ा कर दूसरों को न बताएं और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें।