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नवभारत विशेष: हाईवे ले रहे हैं प्रतिवर्ष हजारों लोगों की जान, आंकड़ों ने चौंकाया

Accident: एक साल पहले दुर्घटनाओं की संख्या तो थोड़ी कम 1,23,955 ही थी, लेकिन मरने वाले लोगों की संख्या 53,630 थी। ये आंकड़े बताते हैं कि किस तरह हमारे राजमार्ग या हाइवे दुर्घटनाओं का पर्याय बन गए हैं।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Oct 25, 2025 | 03:51 PM

हाईवे ले रहे हैं प्रतिवर्ष हजारों लोगों की जान (सौ.डिजाइन फोटो)

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नवभारत डिजिटल डेस्क: देश के राष्ट्रीय राजमार्गों (नेशनल हाइवे) में 2024 में 1,25,873 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिसमें 53,090 लोगों की मौत हो गई थी तथा कम से कम इनसे चार गुना ज्यादा लोग दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे, जिनमें से एक तिहाई पूरी जिंदगी के लिए अपाहिज हो चुके हैं। जबकि इसके एक साल पहले दुर्घटनाओं की संख्या तो थोड़ी कम 1,23,955 ही थी, लेकिन मरने वाले लोगों की संख्या 53,630 थी। ये आंकड़े बताते हैं कि किस तरह हमारे राजमार्ग या हाइवे दुर्घटनाओं का पर्याय बन गए हैं।

ज्यादातर मौतों का कारण तेज रफ्तार ड्राइविंग होती है। 2022 में राजमार्गों में जो कुल सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, उनमें 72.3 प्रतिशत मौतों और 71.20 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण वाहनों की यही तेज रफ्तार थी। सर्दी का मौसम आ चुका है, चंद दिनों के भीतर पूरे देश में, समुद्री इलाकों को छोड़कर सभी जगह कोहरे का कहर शुरु हो जाएगा। इसके बाद देश के हाइवे और एक गांव को दूसरे शहरों और गांवों से जोड़ते मार्ग भी दुर्घटनाओं का सबब बनेंगे। भारत में जिस तरह से विकास हो रहा है, उसी रफ्तार से सड़कों के सुधारीकरण का दौर भी जारी है।

वर्तमान में पूरे देश में हाइवे, बाईपास तथा रोड कनेक्टिविटी युद्ध स्तर पर विकसित हो रही है। लेकिन इस विकास में नियम और सुरक्षा ठीक उसी तरह से गायब हैं, जिस तरह से स्लीपर कोच में इमरजेंसी गेट, आग बुझाने वाले यंत्र, यात्रियों के अंदर चलने के लिए सुरक्षित गैलरी और हाइवे पर ट्रामा सेंटर। देश के साथ ही राज्यों के भी एक्सप्रेस-वे हैं, जिन पर जनता सफर कर रही है। कुछ प्रस्तावित हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं। जो हाइवे या एक्सप्रेस-वे हैं, उनमें दिल्ली-मुंबई, मुंबई-पुणे, यमुना एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल, अमहमदाबाद-बडोदरा, द्वारका तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे विशेष हैं। उत्तरप्रदेश में यमुना स्लीपर कोच बसें हो या फिर कार टैक्सी इनकी स्थितियां तो इतनी विकट हैं कि आरटीओ भी देखकर चकित हो जाता है।

बसों में तय सीमा से कई गुना सामान छत पर रहता है और स्टोर बॉक्स में गैस सिलेंडर, आतिशबाजी का सामान, गद्दे जैसी चीजें रहती हैं ताकि पुलिस की नजर न पड़े। क्या यह कम खतरनाक नहीं है कि आंध्र प्रदेश की बस जयपुर में और यूपी की बस केरल में सवारी ढोती नजर आए। यात्रियों को थोड़े से पैसे में यह बस संचालक इतनी छूट दे देते हैं कि एक स्लीपर में चार-चार आदमी घुस जाते हैं और गैलरी में सामान के ऊपर भी यात्रियों को सोते हुए देखा जा सकता है।तथा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे ऐसे हैं, जहां पर दुर्घटना के कारण कारण इतने हैं कि उनकी गिनती संभव नहीं है। क्या कारण हैं कि सुहाना सफर, मौत के सफर में बदल रहा है?

रोड सेफ्टी विशेषज्ञ बताते हैं कि रोड दुर्घटनाओं के कई कारण हैं। उनके मुताबिक 100 किलोमीटर की रफ्तार से अधिक तेजी से दौड़ रहे वाहनों का एक दूसरे से टकराने का प्रमुख कारण है, इन रोडों को बनाते समय यह नहीं देखा गया कि वह कितने घुमावदार हैं और तेजी से आ रहा वाहन गति पर कंट्रोल कैसे करेगा ? हाइवे को गांव आदि से जो सड़कें जोड़ती हैं, वे प्रॉपर नहीं हैं। वे कहीं हद से अधिक नीची हैं और कहीं हद से ज्यादा ऊंची हैं। खुद ही समझा जा सकता है कि तेज गति से आता वाहन जब यहां कनेक्ट होगा, तो क्या होगा ? ढलान तो ऐसी बनायी गई हैं कि दूर से लगता है कि किसी पुलिया पर चढ़ने जा रहे हैं।

ये भी पढ़ें–  नवभारत विशेष के लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें 

यमुना एक्सप्रेस-वे का हाल यह है कि यहां पर सरपट दौड़ते वाहन, सीमेंट की बनी सड़कों पर घर्षण करते पहियों के फटते ही अनियंत्रित हो जाते हैं। यदि कोहरा हुआ तो हादसा और अधिक भीषण होता है। हाइवे अथॉरिटी, दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र, कृपया धीरे चलें और घर पर आपका परिवार इंतजार कर रहा है आदि लिखकर या इन वाक्यों के साइन बोर्ड लगाकर निश्चिंत हो जाता है कि अब सब ठीक है। जो वाहन चला रहे हैं वह खुद को कभी गलत नहीं कहते। आंखों की रोशनी कितनी है, कभी जांच नहीं कराते, स्टीयरिंग को खतरनाक स्थिति में संभाल पाएंगे इसकी कभी प्रैक्टिस नहीं करते, कम से कम आठ घंटे की नींद और पौष्टिक आहर नहीं लेते, शराब और सिगरेट-बीड़ी नियमित लेना इनकी सबसे खास बात है। कब ओवरटेक करना है, वह खुद तय करते हैं।

लेख-मनोज वार्षेण्य के द्वारा

Highways are taking the lives of thousands of people every year

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Published On: Oct 25, 2025 | 03:51 PM

Topics:  

  • Accident
  • Delhi Yamuna River
  • Road Accident

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