(डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने धमकी दी है कि वह सिद्धांतों से समझौता करने की बजाय मंत्री पद छोड़ना पसंद करेंगे। क्या उनकी इस धमकी से मोदी सरकार सकते में आ गई होगी या बीजेपी में घबराहट फैल गई होगी कि चिराग के बगैर अंधेरा हो जाएगा?”
हमने कहा, “ऐसी कोई बात नहीं है। बीजेपी के पावरफुल बिजलीघर को चिराग या मोमबत्ती की चिंता क्यों होने लगी ? प्रधानमंत्री मोदी किसी धमकी के आगे झुकते नहीं! वे तो खुद ही अपने कुछ केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहते रहे हैं। पूर्व कृषिमंत्री नरेंद्रसिंह तोमर के साथ ऐसा ही हुआ था। मोदी किसी को हाथी से उतार कर खच्चर पर बैठा सकते हैं। चिराग के इस्तीफा देने से मोदी को एक पैसे का फर्क नहीं पड़ेगा। उनकी सरकार को चंद्रबाबू नायडू और नीतीशकुमार का सॉलिड सपोर्ट है। इसलिए फिक्र की कोई बात नहीं है।”
पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, आप चिराग का महत्व नहीं समझ रहे हैं। क्या आपने अलादीन के जादुई चिराग की कहानी नहीं सुनी? उस चिराग को रगड़ने पर धुआं निकलता था और एक जिन्न बाहर आकर कहता था क्या हुक्म है मेरे आका? व चिराग अलादीन की हर इच्छा तुरंत पूरी कर देता था।”
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हमने कहा, “हम अलादीन के चिराग की नहीं, रामविलास पासवान के बेटे चिराग की बात कर रहे हैं। वंशवाद की आलोचना करनेवाले मोदी ने रामविलास के कुलदीपक चिराग पासवान को मंत्री बनाया। पीएम इस्तीफे की धमकी देने वाले चिराग से कह सकते हैं मान मेरा एहसान अरे नादान कि मैंने तुझसे किया है प्यार! मोदी ने चिराग के चाचा पशुपति पारस को अवसर न देते हुए चिराग पर मेहरबानी की थी। रामविलास पासवान राजनीतिक हवा का रुख भांप कर कभी यूपीए तो कभी एनडीए में चले जाया करते थे। इस तरह के खेल में अभी चिराग पासवान कच्चे हैं। मंत्री पद छोड़कर अपने पैर पर कुल्हाडी मारेंगे।”
पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, पद कौन छोड़ रहा है। यह तो सिर्फ धमकी है। गरजने वाले बादल बरसते नहीं हैं। मान लो चिराग हट भी गए तो मोदी किसी एवरेडी टार्च से काम चला लेंगे। राजनीति में कोई भी अनिवार्य नहीं है। उसकी बिसात पर मोहरे बदलते रहते हैं। किसी भी मंत्री का तख्त हर वक्त उसके साथ नहीं रहता। मंत्री पद को बाय-बाय करनेवाला बाद में हाय-हाय करने लग जाता है।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा